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जोशीमठ: लोगों को किया गया शिफ्ट, लेकिन बेजुबान पालतू जानवर अब भी नहीं सुरक्षित

जोशीमठ के लोग तो अपने आलीशान घरों को छोड़ कर उन सुरक्षित स्थानों पर रहने तो जा रहे हैं, लेकिन अपने घरों में मौजूद पालतू जानवरों को वहां नहीं ले जा पा रहे हैं, क्योंकि वहां पर एक कमरा एक परिवार को मिल रहा है. ऐसे में जानवर अब भी असुरक्षित हैं.

जोशीमठ में जानवर अब भी असुरक्षित जोशीमठ में जानवर अब भी असुरक्षित
कमल नयन सिलोड़ी
  • जोशीमठ,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

जोशीमठ इस समय ऐसी आपदा का दंश झेल रहा है जिसके अंत का किसी को भी पता नहीं है. ऐसे में प्रशासन ने भले ही लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है. लोग अपने आलीशान घरों को छोड़ कर उन सुरक्षित स्थानों पर रहने तो जा रहे हैं, लेकिन अपने घरों में मौजूद पालतू जानवरों को वहां नहीं ले जा पा रहे हैं, क्योंकि वहां पर एक कमरा एक परिवार को मिल रहा है. 

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ऐसे मुश्किल वक्त में लोगों ने दिन में सड़कों पर ही अपनी बकरी और बकरी के बच्चों को बांधा हुआ है. वहीं लोगों की पालतू और गाय और कुत्ते भी इन दिनों सड़कों पर ही हैं. लेकिन शाम के समय जैसे ही ठंड बढ़ती है, तो लोग इन जानवरों को उन लाल निशान वाले घरों के अंदर रख रहे हैं. फिर ये लोग सुबह उन्हें देखने जाते हैं, उन्हें खाना देने जाते हैं ताकि वह जानवर वहां पर सुरक्षित रहें.

सड़कों पर जानवर बांधने को मजबूर लोग

आजतक ने जब जोशीमठ के बाजार मनोहर भाग से सिंह धार वार्ड का निरीक्षण किया तो यहां पर जगह-जगह लोगों के कुत्ते और गाय के साथ भेड़ बकरी भी सड़क पर ही देखने को मिले. जोशीमठ की निवासी नीलम ने आजतक को बताया कि इनके कुत्ते का नाम शेरू है. लेकिन नीलम के घर पर भी लाल निशान लगाया हुआ है. ऐसे में इनका कहना है कि इनका कुत्ता शेरू इन दिनों इधर-उधर भटक रहा है.

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जानवरों के लिए भी सुरक्षित जगह बना रहा प्रशासन

यही हाल हर लाल निशान वाले घर का है, जिन घरों में गाय, भैंस और अन्य पालतू जानवर हैं. वह लोग रातों को तो होटल या अन्य जगहों पर रुकते हैं लेकिन लेकिन सुबह होते ही उन्हें अपनी जानवरों को खाना खिलाने वापस अपने घर में जाते हैं. लोगों की मांग थी कि उनके जानवरों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जाए. हालांकि अब प्रशासन ने जोशीमठ में सभी जानवरों की गिनती शुर कर दी है और जोशीमठ के ऊपर टीन के शेड इन जानवरों के लिए बनाए जा रहे हैं. 

वहीं इस मामले में आपदा प्रबंधन के सचिव ने कहा कि जोशीमठ धंसाव पर विभिन्न एजेंसियां ​​3 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करें.
 

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