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उत्तराखंड के खटीमा में यूपी के बुलडोजर का खौफ! एक नोटिस से दहशत

यूपी का बुलडोजर क्या अब उत्तराखंड में चलेगा? खटीमा क्षेत्र में शारदा बांध के किनारे बसे दर्जनों गांवों के निवासियों को यूपी सरकार की ओर से जमीन खाली करने के लिए नोटिस मिलने के बाद ये डर सताने लगा है.

ग्रामीणों को सता रहा बुलडोजर का डर ग्रामीणों को सता रहा बुलडोजर का डर
aajtak.in
  • खटीमा,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST
  • यूपी सरकार ने शारदा बांध किनारे बसे एक दर्जन गांवों के लोगों को भेजा नोटिस
  • ग्रामीणों की मांग- यूपी सरकार से बात कर समाधान निकालें सीएम धामी
  • लोगों का कहना- 70 साल से यहां रह रहे हैं

यूपी के चुनाव में बुलडोजर छाया रहा था. योगी आदित्यनाथ के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद बुलडोजर फिर से एक्शन में है. अपराधियों के निर्माण पर, अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं तो वहीं अब यूपी के बुलडोजर का खौफ पड़ोसी राज्य उत्तराखंड तक भी पहुंच गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे, वहां के दर्जनभर गांवों के लोगों को यूपी के बुलडोजर का खौफ सता रहा है.

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खटीमा के इन गांवों के लोगों की चिंता ऐसे ही नहीं है. खटीमा के दर्जनभर गांवों को यूपी सरकार ने नोटिस जारी कर जल्दी अपने आशियाने हटाने और फसल काटकर जमीन खाली करने के लिए कहा है. खटीमा से मेलाघाट को जोड़ने वाली सड़क पर शारदा बांध के किनारे स्थित करीब एक दर्जन गांवों के लोगों को जब से यूपी सरकार की नोटिस मिला है, लोगों की टेंशन बढ़ गई है.

क्या है पूरा मामला

क्या अब यूपी का बुलडोजर उत्तराखंड में चलेगा? इस डर ने ग्रामाणों की नींद उड़ा दी है. नोटिस मिलने के बाद से ही ग्रामीण परेशान हैं. दरअसल, अविभाजित उत्तर प्रदेश में लोहियाहेड पावर हाउस को पानी की आपूर्ति करने और शारदा नदी पर बांध बनाने के लिए नहर का निर्माण कराया गया था. नहर के तटबंधो में पानी का रिसाव होने की आशंका के कारण तब करीब 22 किलोमीटर लंबी नहर के किनारे काफी जगह खाली छोड़ी गई थी.

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यूपी सरकार की ओर से जारी नोटिस

नहर के किनारे की खाली जमीन में लोग बस गए. बाद में सरकार ने भी इन गांवों में बिजली, पानी की आपूर्ति शुरू कर दी और सड़कों का निर्माण भी करा दिया. अब यूपी सरकार ने अपनी जमीन खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि वे यहां करीब 70 साल से रह रहे हैं. इन गांवों में अधिकतर समय पानी भरा रहता है. इतनी भीषण गर्मी में भी गांव में पानी भरा हुआ है जो नहर से रिस कर आ रहा है.

जमीन खाली कराने के लिए छोड़ा गया पानी?

खटीमा के इन गांवों के लोग कहते हैं कि पिछले 70 साल में इतना अधिक पानी गांव में कभी नहीं आया. इतना पानी पहली बार आया है. लोगों ने आरोप लगाया है कि जमीन खाली कराने के लिए सोच-समझकर नहर में अधिक पानी छोड़ा गया. लोगों का कहना है कि अब इतने साल बाद वे अपना घरबार छोड़कर कहां जाएंगे. सरकार हमें मार ही दे तो ज्यादा अच्छा. सरकार ने पहले हमें बसाया और अब चार-पांच पीढ़ी के बाद उजाड़ने जा रही है. ग्रामीणों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि वे यूपी के सीएम से बात कर इस समस्या का समाधान निकालें.

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(रिपोर्ट- राजेश छाबड़ा)

 

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