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सिर्फ 36 मिनट में तय होगी 9 घंटे की दूरी, जानें श्रद्धालुओं के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट

केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में इसे पैदल या टट्टू, पालकी और हेलिकॉप्टर द्वारा तय किया जाता है. प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.

सरकार ने उत्तराखंड में अहम रोपवे परियोजनाओं को दी मंजूरी (फोटो- Meta AI) सरकार ने उत्तराखंड में अहम रोपवे परियोजनाओं को दी मंजूरी (फोटो- Meta AI)
पीयूष मिश्रा
  • देहरादून,
  • 05 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:21 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबे रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है. 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह रोपवे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर तैयार किया जाएगा.

हर रोज 18 हजार यात्रियों को ले जाएगा रोपवे

रोपवे को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में विकसित करने की योजना है जो सबसे एडवांस्ड ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा. इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रति दिन 18,000 यात्रियों को ले जाएगी.

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रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटाकर लगभग 36 मिनट कर देगी.

पूरे साल उपलब्ध रहेंगे रोजगार के अवसर

रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, फूड और पर्यटन जैसे उद्योगों में पूरे साल रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएगी. रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

आसान हो जाएगा 16 किमी का चुनौतीपूर्ण सफर

केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में इसे पैदल या टट्टू, पालकी और हेलिकॉप्टर द्वारा तय किया जाता है. प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.

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केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर साल में अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दीपावली (अक्टूबर-नवंबर) तक लगभग 6 से 7 महीने तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है और इस मौसम के दौरान सालाना लगभग 20 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं.

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