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कोरोना स्थिति बिगड़ी तो तय समय से पहले समाप्त होगा कुंभ, उत्तराखंड सरकार ने दिए संकेत

उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कुंभ मेले में पिछले दस दिनों में कोविड संक्रमितों की संख्या दो गुना होने का हवाला देते हुए ये संकेत दिए कि जनस्वास्थ्य सरकार की पहली प्राथमिकता है

हरिद्वार में जारी कुंभ मेला ( फोटो- PTI) हरिद्वार में जारी कुंभ मेला ( फोटो- PTI)
संजय शर्मा
  • उत्तराखंड,
  • 17 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • तय समय से पहले समाप्त हो सकता है कुंभ
  • उत्तराखंड सरकार ने दिए संकेत
  • पीएम मोदी ने की प्रतीकात्मक कुंभ की बात

कुंभ नगरी हरिद्वार में कोरोना के संक्रमण की लगातार भयावह होती स्थिति और दो पर्व स्नान के मुहूर्त पर संत समाज में मतभेद और विवाद बढ़ता जा रहा है. दो अखाड़ों के एलान के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि स्थिति ज्यादा बिगड़ी तो कुंभ को 30 अप्रैल की पिछली अधिसूचना से पहले भी समाप्त किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस सिलसिले में बड़ा बयान दिया है.

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समय से पहले समाप्त होगा कुंभ?

उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कुंभ मेले में पिछले दस दिनों में कोविड संक्रमितों की संख्या दो गुना होने का हवाला देते हुए ये संकेत दिए कि जनस्वास्थ्य सरकार की पहली प्राथमिकता है. सरकार कुंभ को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेने से नहीं हिचकेगी. 

वहीं जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने भी इस विचार और एलान का समर्थन किया. वैसे जो फैसला राज्य सरकार लेने का मन बना रही है, उसको लेकर संत समाज के एक तबके में भारी आक्रोश है. जब से दशनामी शैव अखाड़ों में से निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़े ने जनहित का हवाला देते हुए कुंभ अवधि से पूर्व ही 17  अप्रैल को कुंभ क्षेत्र से अपनी छावनी उठाने का एलान किया है, इस पर वैष्णव बैरागी संतों ने अपना विरोध जता दिया है.

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मुद्दे पर बंट गया संत समाज

निर्वाणी अखाड़े के श्री महंत धर्मदास ने कहा है कि जिन अखाड़ों को शाही स्नान नहीं करना है वो फालतू की बयानबाजी करने के बजाय चुप रहें. हमें हमारे महाकुंभ पर्व के समय शाही स्नान के पारंपरिक अधिकार से कोई वंचित नहीं कर सकता. निर्मोही अखाड़े के श्रीमहंत राजेंद्र दास और दिगंबर अखाड़े के श्रीमहंत कृष्ण दास ने भी कुंभ समापन के एलान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रामनवमी के पर्वकाल और चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान को पूरे विधि विधान से करने की घोषणा कर दी है.

पीएम मोदी ने की प्रतीकात्मक कुंभ की बात

वैष्णव बैरागी के संतों ने जरूर इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की है, लेकिन कोरोना के बढ़ते आंकडे अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि हरिद्वार में 12 अप्रैल को 462, 13 को 782, 14 को 592, 15 को 782 और 16 अप्रैल को सबसे ज्यादा 848 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. ऐसे में जिस स्पीड से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतीकात्मक कुंभ की बात कह दी है.

मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी। @AvdheshanandG

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— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021

पीएम ने ट्वीट कर कहा है- मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी. पीएम का बयान और उत्तराखंड सरकार के द्वारा दिए गए संकेत इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में कुंभ को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है.
 

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