
देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा की मार से जूझ रहा है. चमोली जिले के जोशीमठ में सड़कों पर दरार, घर की फटी दीवारें और धंसती जमीन को लेकर देहरादून से लेकर नई दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है. पूरे प्रशासनिक अमले का फोकस जोशीमठ पर है. इस बीच चमोली जिले के ही पीपलकोटी से भूस्खलन की खबर है.
चमोली जिले के पीपलकोटी में सोमवार को भूस्खलन के कारण मलबा सड़क पर आ गया. भूस्खलन के बाद आए मलबे के कारण ऋषिकेश से बद्रीनाथ को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया. जिस जगह भूस्खलन के बाद मलबा आने से सड़क जाम हो गई, उस जगह के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई.
बताया जाता है कि भूस्खलन के करीब तीन घंटे बाद तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था और वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी. ऋषिकेश से बद्रीनाथ और बद्रीनाथ से ऋषिकेश के लिए निकले यात्री हलकान नजर आए. गौरतलब है कि चमोली जिले का पीपलकोटी भूस्खलन के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है.
पीपलकोटी में भूस्खलन की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं जिससे ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर आवागमन प्रभावित होता रहा है. जोशीमठ में बने हालात के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर हालात की जानकारी ली थी. सीएम ने प्रभावित घरों तक पहुंचकर हालात देखे थे और प्रभावितों से बात कर उनका दर्द जाना था.
सीएम धामी ने जोशीमठ को बचाने के साथ ही कोई जान न जाए, इसे सरकार की प्राथमिकता बताया था. उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए सरकार की योजना में पीपलकोटी भी शामिल बताया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार की योजना जोशीमठ के विस्थापितों को पीपलकोटी और गौचर में बसाने की है.