
महाकुंभ 2021 की घटी अवधि, कोरोना का साया, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सख्त गाइडलाइंस. ये सारी वजहें हैं जिनके चलते इस बार हरिद्वार में हो रहे कुंभ को अब तक वैसा भव्य रूप नहीं दिया जा सका जिसकी पहले उम्मीद की गई थी. इसे प्रयागराज में 2019 में संपन्न हुए कुंभ की तर्ज पर ही रिकॉर्ड सफल बनाने का इरादा था. बेशक कोरोना के खतरे से बचने के लिए हरिद्वार कुंभ में तमाम एहतियात बरती जा रही है लेकिन बुधवार को भव्यता की एक झलक यहां देखने को मिली. महाकुंभ की सुरक्षा में लगे जवानों ने मानव श्रृंखला के जरिए ‘मास्क’ की आकृति बनाकर लोगों में कोरोना से बचने का संदेश दिया
कई तरह की चुनौतियों के बावजूद हरिद्वार महाकुंभ कई मायनों में ऐतिहासिक है. इसका आयोजन 83 साल बाद आए विशिष्ट योग में हो रहा है. इससे पहले इस तरह का योग 1938 में पड़ा था.
महाकुंभ हरिद्वार की विशेषताओं में बुधवार को सुरक्षा बलों के जवानों की ओर से किया गया प्रयास भी जुड़ गया. यहां गौरी शंकर पार्किंग स्थल पर 5077 जवानों ने इकट्ठा होकर मानव श्रृंखला के जरिए मास्क की आकृति बनाई. इनमें कुंभ मेला पुलिस,SDRF, उत्तराखंड पुलिस, PAC, ATS उत्तराखंड, यूपी पीएसी, राजस्थान होमगार्ड, CRPF, ITBP, CISF, BSF, NSG और SSB के जवानों ने हिस्सा लिया.
इस आकृति को बनाने के पीछे ‘सुगम कुंभ एवं सुरक्षित कुंभ’ के नारे को लोगों तक पहुंचाने का मकसद था. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इस उपलब्धि को भारत में इंसानों से बनी मास्क की सबसे बड़ी आकृति के तौर पर मान्यता दी है. आयोजकों को इसके लिए मेडल भी दिया गया. इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की ओर से जज वीरेंद्र सिंह और समन्वयक संदीप विश्नोई भी यहां मौजूद थे.
इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन आईजी कुंभ संजय गुंज्याल के नेतृत्व में कुंभ मेला पुलिस ने किया. गुंज्याल ने इस मौके पर कहा, ‘रिकॉर्ड बनना सबसे बड़ा तथ्य नहीं है. रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं. लेकिन पूरी दुनिया जब कोविड संकट से गुजर रही है तो ऐसे में मास्क की अनिवार्यता का संदेश बहुत अहम है. इसी को हर श्रद्धालु और आम जनमानस तक पहुंचाने का मकसद था.
कार्यक्रम के दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज, स्वामी गिरिशानन्द महाराज, सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार), जनमेजय खंडूड़ी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ) भी मौजूद रहे. उत्तराखंड प्रेस क्लब ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया.