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उत्तराखण्ड में मेडिकल की पढ़ाई हुई सबसे सस्ती, 1 लाख 45 हजार में पढ़ सकते हैं डॉक्टरी

उत्तराखंड सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई की चाह रखने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत दी है. अब पूरे देश में मेडिकल की सबसे सस्ती पढ़ाई उत्तराखण्ड में होगी.

कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून,
  • 29 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST
  • देश में मेडिकल की सबसे सस्ती पढ़ाई उत्तराखण्ड में
  • 4 लाख से 1 लाख 45 हज़ार की गई MBBS की फीस
  • 50 हजार का बॉन्ड भरकर भी शुरू कर सकते हैं पढ़ाई

उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में कई फैसले लिए गए, लेकिन सभी फैसलों में सबसे अहम फैसला मेडिकल की पढ़ाई को लेकर रहा.

उत्तराखंड सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई की चाह रखने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत दी है. अब पूरे देश में मेडिकल की सबसे सस्ती पढ़ाई उत्तराखण्ड में होगी. छात्र अब मात्र 1 लाख 45 हजार खर्च कर, डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं.

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4 लाख से 1 लाख 45 हज़ार की गई MBBS की फीस

एमबीबीएस के लिए पहले हर साल चार लाख रुपये फीस देनी होती थी, जिसके तहत देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को काफी परेशानी हो रही थी. छात्र लगातार आंदोलन कर रहे थे. सरकार ने सालाना फीस 4 लाख से घटाकर  1 लाख 45 हज़ार कर दी है. अब वे छात्र जो आर्थिक परेशानियों के चलते अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा नहीं कर पा रहे थे, वे एमबीबीएस की पढ़ाई पूरा कर सकेंगे.
 
50 हजार का बॉन्ड भरकर शुरू की जा सकती है पढ़ाई 

जो लोग डेढ़ लाख की रकम भी एक साथ नहीं चुका सकते उनके लिए सरकार ने मात्र पचास हजार का बॉन्ड भरकर पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से गरीब तबके से आने वाले होनहार छात्रों के लिए डॉक्टर बनने की राह आसान हो गई है.

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सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड भरकर एमबीबीएस करने की सुविधा भी फिर से बहाल कर दी है. पहले सिर्फ़ पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में ही, बॉन्ड व्यवस्था के तहत पढ़ाई करने की सुविधा थी. 

कोरोना काल मे जिस तरह से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और डॉक्टरों की कमी पूरे देश में दिखाई दी, उसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए यह अहम फैसले लिए. 

 

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