
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले हुए. उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने मेडिकल की पढ़ाई को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई की चाह रखने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत दी है. अब पूरे देश में मेडिकल की सबसे सस्ती पढ़ाई उत्तराखण्ड में होगी.
उत्तराखंड सरकार के फैसले के मुताबिक अब मात्र 1 लाख 45 हजार रुपये की फीस अदा कर डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं. उत्तराखंड सरकार ने इतनी फीस भर पाने में भी जिन छात्रों को दिक्कत हो, उनके लिए बॉन्ड सिस्टम बहाल कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब फाइनेंस की दिक्कत झेल रहे युवा जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, वे भी आसानी से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर प्रदेश में अपना योगदान दे सकेंगे.
सरकार ने 50 हजार रुपये का बॉन्ड भरकर पढ़ाई शुरू करने की छूट का प्रवाधान भी कर दिया है. सरकार ने उन मेधावी छात्रों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय 50 हजार रुपये का बॉन्ड भरकर पढ़ाई शुरू कर सकते हैं. ये फैसला गरीब होनहारों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी बॉन्ड भरकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने की सुविधा भी बहाल कर दी है. पहले बॉन्ड व्यवस्था के तहत केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में ही बांड भरकर पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध थी.
बगैर बॉन्ड के एमबीबीएस की पढ़ाई का शुल्क भी चार लाख रुपये हो गया था. इसके तहत देहरादून और हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही थी. छात्र आंदोलन कर रहे थे. आखिरकार सरकार ने एक ओर जहां बॉन्ड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है तो दूसरी ओर फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये करने का ऐलान कर दिया है.