
नमामि गंगे के अहम चरण का शुभारंभ गुरुवार को हरिद्वार से हुआ. गंगा की सफाई के लिए दो हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 300 परियोजनाओं की शुरुआत हुई. केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों ने हरिद्वार में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का श्रीगणेश किया. इस मौके पर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि 3 चरण में नमामि गंगे का काम पूरा कर लेंगे. उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर राज्यों से पैसों की कोई मदद नहीं लेंगे.
पांच राज्यों में गंगा तट पर बसे 104 गांवों, कस्बों और शहरों में इस परियोजना का शुभांरभ होगा. केंद्रीय गंगा पुनर्जीवन और जल संसाधन मंत्री उमा भारती के अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा और नए बने ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हरिद्वार में नमामि गंगे के इस चरण का शुभांरभ किया.
सफाई के लिए 6 उपकरण कर रहे काम
इस परियोजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना और ठोस कचरे को गंगा में मिलने से रोकने के उपाय किए जाएंगे. इसके अलावा गंगा के घाटों की मरम्मत और श्मशानों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ गंगा में मिलने वाले नालों में आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे. फिलहाल गंगा और यमुना की जल सतह पर सफाई करने और ठोस कचरा इकट्ठा करने के 6 उपकरण लगातार काम कर रहे हैं.
सुस्ती से जापान नाराज
इस परियोजना के तहत गंगा के किनारों पर पौधे लगाने के साथ-साथ सौंदर्यीकरण भी किया जाना है. खबरें ये भी आ रही थीं कि गंगा-यमुना सहित कई बड़ी नदियों की सफाई को लेकर भारत सरकार की सुस्ती पर जापान सरकार ने नाराजगी भी जताई है. जापान ने चेतावनी भी दी कि यही दशा रही तो जापान आइंदा सहयोग देने पर सौ बार सोचेगा.