
बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा के दौरान मंदिर में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसके साथ ही इन दोनों जगहों पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड नियम भी लागू किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार इन नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है.
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, महाकाल और सोमनाथ मंदिर के प्रबंधन और व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाई थी.
कमेटी ने अब अपने सुझाव सौंप दिए हैं. अब मंदिर समिति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा के बाद नया नियम (एसओपी) जारी करेगी.
जानकारी के मुताबिक मंदिर समिति इस बार मंदिर परिसर में एक तय सीमा के भीतर मोबाइल को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है. पिछले यात्रा सीजन में केदारनाथ के गर्भ गृह में मोबाइल ले जाकर वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया था जिसके बाद मंदिरों में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी थी.
इस तरह की शिकायतें कई बार आ चुकी हैं. इसके साथ ही मंदिरों में कर्मचारियों और पुजारियों के लिए ड्रेस कोड या विशेष परिधान पर भी विचार करने का सुझाव दिया गया है. बाकी SOP के लिए एक बैठक कर फैसला लिया जाएगा.
इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा उत्तराखंड में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का तुगलकी फरमान चर्चा का विषय बन गया है.
उन्होंने कहा, 'चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड की बाध्यता होगी और पंडा-पुरोहित समाज के द्वारा चंदा या दान दक्षिणा लेने पर बीकेटीसी के द्वारा रोक लगाई गई है.'
दसौनी ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार को और खास करके बीकेटीसी के चेयरमैन अजेंद्र अजय को चार धामों में इस तरह की तानाशाही ही करनी थी तो फिर देवस्थानम बोर्ड क्या बुरा था ?? त्रिवेंद्र सरकार में लागू देवस्थानम बोर्ड को भंग करके विधानसभा चुनावों में वोटों की उगाही के लिए जनता के सामने अच्छा बनने का नाटक क्यों किया गया??
बता दें कि इस बार उत्तराखंड में केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा 25 अप्रैल से शूरू की जाएगी.