Advertisement

'जोशीमठ संकट पर मीडिया से न करें बात', एनडीएमए ने वैज्ञानिकों को दी सलाह

जोशीमठ संकट को लेकर एनडीएमए ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को सलाह दी है कि वह जोशीमठ को लेकर मीडिया से कोई बातचीत न करें. एनडीएमए ने कहा कि सरकारी संस्थान सोशल मीडिया पर जोशीमठ से जुड़ा डेटा जारी कर रहे हैं. वे वहां के हालात पर मीडिया से बातचीत कर रहे हैं. ऐसा करने से लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है.

जोशीमठ में बढ़ती जा रही दरारें जोशीमठ में बढ़ती जा रही दरारें
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

जोशीमठ संकट को लेकर एनडीएमए ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को सलाह दी है कि वह जोशीमठ को लेकर मीडिया से कोई बातचीत न करें. एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) ने कहा - "ऐसा देखा गया है कि सरकारी संस्थान सोशल मीडिया में जोशीमठ से जुड़ा डेटा जारी कर रहे हैं. साथ ही वे वहां के हालात पर मीडिया से बातचीत कर रहे हैं. ऐसा करने से न केवल प्रभावित परिवारों बल्कि देश के नागरिकों में भ्रम पैदा हो रहा है. 12 जनवरी को गृह मंत्री की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है. 

Advertisement

अमित शाह के साथ बैठक से पहले एनडीएमए के सदस्य सचिव ने जोशीमठ को लेकर एक बैठक थी. इसमें उन सभी वैज्ञानिक शोध संस्थान से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए थे, जो अभी जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं पर स्टडी कर रहे हैं. 

वैज्ञानिकों को सलाह दी गई है कि वे मीडिया से बात न करें. उसने कहा गया कि जब तक कोई फाइनल रिपोर्ट एनडएमए रिलीज नहीं करता, तब तक उनके संस्थानों की तरफ से जोशीमठ को लेकर किसी भी तरह का पोस्ट सोशल मीडिया पर न किया जाए. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ आपदा पर समीक्षा बैठक की.

 

ये केंद्रीय एजेंसियां कर रहीं जांच

अब जोशीमठ की मौजूदा स्थिति पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम सर्वे कर रही हैं. उन्हें जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

Advertisement

किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा: सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा. जानकारी के मुताबिक जमीन दरकने से जोशीमठ में 760 घरों में दरारें आ चुकी हैं. इनमें से 128 भवनों को रेड जोन में रखा गया है. प्रभावितों पीपलकोटी, गौचर, ढाक, कोटिफार्म, सेलांग के साथ-साथ नई जगहों में भेजा जा रहा है. सरकार अब तक 90 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है. 

अब प्रभावितों को 5000 रुपये किराया देगी सरकार

उत्तराखंड में सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को जोशीमठ को लेकर कैबिनेट हुई थी. इसमें सरकार ने 5000 रुपये तक किराया बढ़ाए जाने का फैसला लिया है. सरकार ने राहत शिविर में एक कमरा अधिकतम 950 रुपये महीना रुपये की घोषणा की है. इसके अलावा खाने के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 450 रुपये खर्च होगा. इसके अलावा जो लोग विस्थापित हो रहे हैं. एक परिवार से 2 लोगों को मनरेगा में काम मिलेगा. जानवरों के लिए भी सरकार ने ऐलान किया है. प्रति जानवर 15 हजार रुपये दिए जाएंगे. जोशीमठ में 80 बड़े और 45 छोटे पशु हैं. 

इसके साथ ही उत्तराखंड कैबिनेट ने बिजली और पानी नवंबर से माफ कर दिया है, जोकि छह महीने तक के लिए किया गया है. प्राइवेट और सरकारी बैंकों को एक साल की राहत के लिखा जाएगा और को-ऑपरेटिव से लोन पर 6 महीने की राहत दी जाएगी. उत्तराखंड कैबिनेट के सभी मंत्री एक महीने की सैलरी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे. 

Advertisement


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement