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अपने गांव पहुंचे NSA अजीत डोभाल, युवाओं को दिया देश प्रेम का मंत्र

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शनिवार सुबह परिवार के साथ उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे. वो 21 जून शुक्रवार सुबह दिल्ली से फ्लाइट लेकर देहरादून होते हुए सड़क मार्ग के जरिए पौड़ी जिले में स्थित अपने गांव घीड़ी पहुंचे.

अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे NSA अजीत डोभाल अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे NSA अजीत डोभाल
मंजीत नेगी
  • देहरादून,
  • 22 जून 2019,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शनिवार सुबह परिवार के साथ उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे. 21 जून यानी शुक्रवार सुबह दिल्ली से फ्लाइट लेकर वो पहले देहरादून पहुंचे और इसके बाद सड़क मार्ग से पौड़ी जिले में मौजूद अपने गांव घीड़ी पहुंचे.

शनिवार सुबह सबसे पहले उन्होंने अपनी कुल देवी बाल कुंवारी मंदिर में पूजा अर्चना की. उनके साथ पत्नी, बेटा विवेक और पोती मौजूद थे. सरकारी प्रोटोकॉल से दूर एक साधारण व्यक्ति की तरह अजीत डोभाल ने अपने गांव में समय बिताया. इस दौरान उन्होंने गांव में मौजूद नाते रिश्तेदारों का हालचाल भी जाना.

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अजीत डोभाल ने गांव में यूथ फाउंडेशन से जुड़े युवाओं से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया और गांव के युवाओं को देशप्रेम का मंत्र दिया. उत्तराखंड में बड़ी संख्या में युवा सेनाओं में शामिल होकर देश सेवा में जाते रहे हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की इस यात्रा को पूरी तरह निजी रखा गया है. अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने उत्तराखंड सरकार से किसी भी तरह का कोई सरकारी प्रोटोकॉल लेने से इनकार किया. हालांकि, केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की रैंक होने के साथ ही वे ज़ेड प्लस सुरक्षा कैटेगरी में आते हैं.

5 साल बाद पहुंचे अपने गांव

पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए जाने के बाद जून 2014 में वे कुलदेवी की पूजा में शामिल होने गांव आए थे. उस वक़्त उन्होंने बताया था कि वक्त की कमी के कारण वे गांव कम ही आ पाते हैं, लेकिन जल्द ही फिर गांव आएंगे. लेकिन व्यस्तता की वजह से वे पांच साल बाद अपने गांव आ पाए.

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अजीत डोभाल का जन्म वर्ष 1945 में घीड़ी गांव में हुआ था. उन्होंने कक्षा चार तक की शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ली. इसके बाद उन्होंने अजमेर के सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया. आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस अधिकारी  बने.

पीएम मोदी की आंख, नाक, कान हैं अजीत डोभाल

बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में बालाकोट एयर स्ट्राइक तक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हर बड़े फैसले के पीछे अजीत डोभाल की रणनीति बताई जाती है. पिछले पांच साल में राष्ट्रीय सुरक्षा पर अजीत डोभाल की ज़बरदस्त पकड़ की वजह से प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फिर पांच साल का कार्यकाल दिया है.

यही नहीं उन्हें कैबिनेट रैंक देकर पदोन्नत किया गया. पिछली बार उनका कद राज्यमंत्री के बराबर था. पीएम मोदी के सबसे विश्वस्त माने जाने वाले एनएसए अजीत डोभाल देश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह हैं. उन्हें पीएम मोदी की नाक, कान और आंख कहा जाता है. यानी उन्हें पता होता है कि पीएम मोदी क्या चाहते हैं.

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