
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के गंगोत्री के मुखवा में मां गंगा की पूजा की. इसके बाद हर्षिल में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,'उत्तराखंड की ये देवभूमि अध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है. चारधाम और अनंत तीर्थों का आशीर्वाद ही है कि मुझे जीवनदायिनी मां गंगा के इस शीतकालीन गद्दी स्थल पर एक बार फिर आने का सौभाग्य मिला है. अपने परिवार जनों से मिलकर मैं धन्य हो गया हूं.'
पीएम मोदी ने आगे कहा,'कुछ महीने पहले मुझे यह अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने मुझे अब गोद ले लिया है. मां गंगा की ही दुलार है. अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूं.'
आर्थिक संभावनाएं होंगी साकार
प्रधानमंत्री ने आगे कहा,'उत्तराखंड की प्रगति के लिए यहां नए रास्ते खुल रहे हैं. जिन आकांक्षाओं के साथ उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए हमने जो संकल्प लिए थे, वह संकल्प आज नई सफलताओं की ओर बढ़ते हुए सिद्ध हो रहे हैं. शीतकालीन पर्यटन इस दिशा में एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है. इसके जरिए उत्तराखंड की आर्थिक संभावनाओं को साकार करने में मदद मिलेगी. मैं इसके लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं.'
'हर मौसम में चालू रहना चाहिए पर्यटन'
पीएम मोदी ने आगे कहा,'उत्तराखंड के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाएं, इसे बारहमासी, 365 दिन बनाएं. मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी मौसम हो, कोई ऑफ-सीजन नहीं होना चाहिए. हर मौसम में पर्यटन चालू रहना चाहिए.'
इससे पहले पीएम मोदी अपने दौरे के लिए उत्तराखंड के देहरादून में स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. यहां से वह भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर से उड़ान भरकर मुखवा पहुंचे.
प्रधानमंत्री आज गंगोत्री नेशनल पार्क में दो ट्रेक रूट जादूंग जनकताल ट्रेक और नीलापानी ट्रेक का भी उद्घाटन करेंगे. ये ट्रेक 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान बंद कर दिए गए थे. इस ट्रेक पर आईटीबीपी और एनआईएम साथ मिलकर ट्रेक करेंगे.
सीएम के आग्रह पर पहुंचे पीएम
बता दें कि पीएम मोदी का यह दौरा उत्तराखंड में समर टूरिज्म को बढ़ावा देने की एक पहल है. इसके लिए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद पीएम मोदी से यहां आने का आग्रह किया था. प्रधानमंत्री के दौरे से पहले हर्षिल-मुखवा इलाके में काफी तैयारियां की गई थीं. पीएम के दौरे से यहां के लोग काफी उत्साहित हैं.