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PM मोदी के केदारनाथ दौरे के विरोध में उतरे पुरोहित, मनाने पहुंचे धामी, गर्माया देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ जाएंगे, लेकिन उनके इस दौरे का विरोध शुरू हो गया है. पीएम मोदी की इस यात्रा का वहां के पुरोहित विरोध कर रहे हैं. जिसके बाद बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुरोहितों को मनाने केदारनाथ धाम पहुंचे.

पीएम मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ आ रहे हैं. (फाइल फोटो) पीएम मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ आ रहे हैं. (फाइल फोटो)
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून,
  • 03 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST
  • पीएम के दौरे से 2 दिन पहले केदारनाथ पहुंचे धामी
  • पुरोहित समाज से बंद कमरे में सीएम धामी ने की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ जाएंगे, लेकिन उनके इस दौरे का विरोध शुरू हो गया है. पीएम मोदी की इस यात्रा का वहां के पुरोहित विरोध कर रहे हैं. जिसके बाद बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुरोहितों को मनाने केदारनाथ धाम पहुंचे. बताया जा रहा है कि सीएम धामी ने काफी देर बंद कमरे में पुरोहितों के साथ चर्चा की. 

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दरअसल, दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत समेत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का केदारनाथ में जमकर विरोध हुआ था. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को तो पुरोहितों ने दर्शन भी नहीं करने दिए थे. इसके बाद पुरोहितों ने पीएम मोदी के दौरे का भी विरोध करने का फैसला लिया था. तब से ही उत्तराखंड सरकार सकते में हैं. 

पुरोहित और पंडा समाज के विरोध को देखते हुए आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ गए और उन्होंने पुरोहित समाज से बात की. साथ ही प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का भी जायजा लिया और पुरोहित समाज के विरोध को कम करने की कोशिश भी की. 

पुरोहित क्यों कर रहे हैं विरोध

दरअसल, जनवरी 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था. इसके साथ ही चार धाम समेत 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के पास आ गया था. उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ चार धाम हैं. तब से ही पुरोहित और पंडा समाज इस फैसला को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. 

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हालांकि, धामी ने मुख्यमंत्री बनते ही कमेटी का गठन किया था और रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने का वादा किया था. हालांकि, तय तारीख 30 अक्टूबर तक भी जब कोई फैसला नहीं हुआ तो फिर से देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा गरमा गया और पुरोहितों ने आंदोलन शुरू कर दिया. पुरोहितों ने प्रधानमंत्री मोदी के दौरे तक का विरोध करने का फैसला लिया है.

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पुरोहितों से सकारात्मक बातचीत हुईः धामी

प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले पुरोहित समाज का इस तरह आंदोलनरत होना सरकार की चिंता बन गया था इसलिए मुख्यमंत्री धामी आज केदारनाथ पहुंचे और पुरोहित समाज के साथ बंद कमरे में बात की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि बातचीत काफी सकारात्मक रही है और पुरोहित समाज प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए उत्सुक है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है. तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान-सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी. हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया. 5 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है. आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले चरण के सभी काम पूरे हो चुके हैं. दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं. पीएम मोदी अपने दौरे में आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.

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त्रिवेंद्र सिंह बोले- देवस्थानम बोर्ड जरूरी

त्रिवेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते ही देवस्थानम बोर्ड का गठन हुआ था. यही वजह है कि जब रावत केदारनाथ पहुंचे तो उन्हें दर्शन तक करने नहीं दिया गया. हालांकि, विरोध के बावजूद रावत 7 घंटे तक केदारनाथ धाम में रहे थे. उन्होंने आजतक से खास बातचीत करते हुए बताया कि किसी को भी बाबा केदार के दर्शन करने से रोकने का अधिकार नहीं है. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि देवस्थानम बोर्ड से देश ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम हिन्दू आस्थावानों को इसका फायदा होगा. उन्होंने दावा किया था अन्य मंदिरों के पुरोहित समाज समर्थन कर रहे हैं, मगर कुछ लोग हैं जो इसके विरोध में हैं.

 

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