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उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पंजीकरण के लिए एक अत्याधुनिक पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल को सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने उच्च सुरक्षा मानकों और तेज प्रोसेसिंग स्पीड के साथ विकसित किया है. आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने बताया कि यह पोर्टल नेशनल डाटा सेंटर पर होस्ट किया गया है, जो साइबर हमलों से सुरक्षित है.
आईटीडीए निदेशक निकिता खंडेलवाल आईएएस ने कहा, सुरक्षा की दृष्टि से वेबसाइट को नेशनल डाटा सेंटर पर होस्ट किया गया है, ताकि साइबर अटैक की स्थिति में कोई नुकसान न हो. हमने वेबसाइट को उच्चतम सुरक्षा मानकों और तेज प्रोसेसिंग स्पीड के साथ तैयार किया है. इस पोर्टल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि एक बार में 50 हजार से ज्यादा यूजर अपनी एंट्री दर्ज कर सकेंगे.
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पुख्ता तैयारी और उच्च सुरक्षा मानक
वेबसाइट को साइबर अटैक से सुरक्षित रखने के लिए इसे नेशनल डाटा सेंटर से होस्ट किया गया है. इससे साइबर अटैक की स्थिति में भी डाटा सुरक्षित रहेगा. इस पोर्टल को लॉन्च करने से पहले आईटीडीए ने व्यापक तैयारियां की हैं. सुरक्षा ऑडिट और सोर्स कोड रिव्यू के बाद यह वेबसाइट सभी आधुनिक सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है. नितिका खंडेलवाल के मुताबिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान और त्वरित बनाने के लिए वेबसाइट की प्रोसेसिंग स्पीड को उच्च स्तर पर रखा गया है.
तकनीकी हेल्प डेस्क स्थापित
वेबसाइट पर पंजीकरण के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी गड़बड़ी को तुरंत दूर करने के लिए तकनीकी हेल्प डेस्क स्थापित की गई है. आईटीडीए द्वारा विकसित यह पोर्टल नागरिकों को सरल और सुरक्षित पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करेगा, जो समान नागरिक संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
26 जनवरी को लागू हो सकता है UCC
फिलहाल, उत्तराखंड सरकार यूसीसी लागू करने की तैयारियों में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दिए हैं कि 26 जनवरी 2025 से राज्य में यूसीसी लागू हो सकता है, जिससे उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. चूंकि यूसीसी सदन में पहले ही पारित हो चुका था. इसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर एक समिति बनाई, जिसने इस कानून को जमीनी स्तर पर लागू करने की रणनीति तैयार की.
पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में यूसीसी को पूरी तरह लागू किया गया. उम्मीद है कि अगली कैबिनेट में कुछ संशोधनों के साथ यूसीसी लागू हो जाएगी. शुरुआत में विवाह और लिव-इन रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे. इसके बाद संपत्ति और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों को भी देखा जाएगा. सभी नगर निगमों और नगर परिषदों को कार्यान्वयन एजेंसियां बनाया गया है.