
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ पहुंच रहे हैं. अपने केदारनाथ दौरे के दौरान पीएम मोदी आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे. पीएम मोदी केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना भी करेंगे. केदारनाथ धाम से पीएम मोदी देश को संबोधित भी करेंगे. पीएम मोदी के 5 नवंबर की सुबह केदारनाथ धाम पहुंचने का कार्यक्रम है.
जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 7.30 बजे के करीब केदारनाथ धाम पहुंचेंगे. पीएम मोदी पहले पूजा करेंगे. केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी ओंकारेश्वर शुक्ला पीएम मोदी की पूजा-अर्चना कराएंगे. पीएम मोदी के तकरीबन आधे घंटे तक खास पूजा-पाठ करने की जानकारी प्रोटोकॉल में है. बताया जाता है कि पीएम जब केदारनाथ धाम पहुंचेंगे, सबसे पहले संकल्प होगा.
पीएम मोदी की पूजा के दौरान संकल्प के दौरान बागंबर वस्त्र भगवान केदारनाथ को चढ़ाए जाने हैं. ये वस्त्र ही पीएम मोदी को भेंट किए जाएंगे. पीएम केदारनाथ धाम में षोडशो पूजन करेंगे. दूध, दही, मधु आदि चीजों से बाबा केदार की पूजा होगी. इसके बाद पीएम मोदी आदि गुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे.
पीएम मोदी जिस कार्यक्रम में शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे, उस कार्यक्रम का देशभर में 87 जगह लाइव प्रसारण होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम की अपनी इस यात्रा के दौरान सरस्वती घाट, पुरोहितों के लिए आवास और सुरक्षा दीवार का भी लोकार्पण करेंगे. बताया जाता है कि पीएम मोदी करीब 250 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण करेंगे और करीब 150 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दूसरे चरण की योजना का भी शिलान्यास करेंगे,
साधु-संत हैं आमंत्रित
शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे. कार्यक्रम के देश भर से साधु-संतों को आमंत्रित किया गया है. पीएम के कार्यक्रम के लिए परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती, निरंजनी अखाड़े के स्वामी कैलाशानंद सरस्वती और चारधाम बोर्ड के सदस्य पंडित श्रीनिवास पोस्ती को भी आमंत्रित किया गया है,
पीएम लेंगे निर्माण कार्य का जायजा
प्रधानमंत्री मोदी निर्माण कार्यों का भी जायजा लेंगे. आदि गुरु शंकराचार्य ने 32 साल की उम्र में केदारनाथ में महाप्रयण किया था. पांडवों की ओर से बनवाए गए केदारनाथ मंदिर की व्यवस्था और सनातन धर्म के लिहाज से नए स्वरूप में लाने का श्रेय भी आदि शंकराचार्य को ही जाता है.