
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं. पहले अचानक मुख्यमंत्री बनने पर चर्चा में रहे, तो अब अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि आजकल महिलाएं फटी जींस पहनकर चल रही हैं, क्या ये सब सही है...ये कैसे संस्कार हैं? उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी काफी किरकिरी हो रही है. आजतक ने इसी मामले को लेकर उत्तराखंड सीएम से बातचीत की. उनसे पूछा गया कि उन्हें फटी जींस पर ऐतराज क्यों है?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं एक सामान्य ग्रामीण परिवार से आया हूं. जब हम स्कूल जाया करते थे. जब कभी हमारी पैंट फट जाया करती थी तो अनुशासन और गुरु जी के डर से हम उस पर टैग लगा दिया करते थे. यानी कि जो फटा हुआ हिस्सा होता था उसको ढक लेते थे, जिससे गुरुजी डांटे नहीं. अब बच्चा 4000 या 2000 की जींस लेता है, वो पहले देखता है कि जींस फटी है कि नहीं. अगर फटी नहीं है तो वह घर जाकर उस पर कैंची चला देता है. तो क्या बुरा कहा मैंने?
सीएम रावत ने आगे कहा कि संस्कार और अनुशासन, परिवार में होगा तो वह कभी असफल नहीं होंगे. सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं बल्कि बच्चे को इस रूप में भी ढालना चाहिए, तो इसमें मैंने बुरा क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा कि मेरी भी बेटी है और यह नियम उस पर भी लागू होगा. मैं सिर्फ दूसरों की बात नहीं कर रहा हूं. मैं तो यही कह रहा हूं कि वातावरण और संस्कार कैसे होने चाहिए. जहां मैंने यह बात कही थी वह कार्यक्रम भी ऐसा ही था और विषय भी ऐसा ही था.
सीएम से पूछा गया कि आपको जींस से एतराज है या फटी जींस से? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे जींस से नहीं, फटी जींस से ऐतराज है. जींस तो मैं खुद भी पहना करता था लेकिन अब किसी को ऐसे ही पहनना है तो मैं क्या कर सकता हूं? किसी को मेरे कहने से बुरा लगा तो मै क्षमा चाहता हूं.
पहली कैबिनेट मीटिंग में लिया महत्वपूर्ण निर्णय
सीएम तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओ पर चर्चा की. इसके तहत कुम्भ को दिव्य एवं भव्य रूप से कराए जाने के लिए अवस्थापना विकास के कार्यो में शिथिलता प्रदान की गई है. साथ ही कुंभ मेला 2021 के अंतर्गत नगर निगम हरिद्वार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट हेतु स्वीकृत 3664.60 लाख के कार्य की रिपैकेजिंग करते हुए 5 पैकज बनाये जाने की स्वीकृति दी गयी है. इसके अलावा पावर के टेंडर में 249.76 लाख से अधिक लागत का अनुमोदन दिया गया.
वहीं गोपन को अब मंत्रिपरिषद के नाम से जाना जाएगा. उसका नाम बदल दिया गया है. इसके अलावा देहरादून कोरोनेशन हॉस्पिटल में फोर्टिस हॉस्पिटल के एग्रीमेंट को एक वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया है. जबकि कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए डीपीआर हेतु एक करोड़ जारी किया गया है.
कौन हैं तीरथ सिंह रावत?
गढ़वाल के कलगीखल विकासखंड के सीरों में नौ अप्रैल 1964 को जन्मे तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे. वह हेमवती नंदन बहुगुना गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
रावत वर्ष 2012 से 2017 के बीच उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने विधानसभा में चौबट्टाखाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वह प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. राज्य के गठन के बाद वह यहां की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे.
रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का बीजेपी नेतृत्व को फैसला भी चौंकाने वाला रहा. मुख्यमंत्री पद की दौड़ में धन सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी के नामों की चर्चा थी, लेकिन बाजी तीरथ सिंह रावत मार गए.