
गंगा को लेकर अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत के बाद संत गोपालदास को भी ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. गुरूवार को स्वामी सानंद की मौत के बाद गोपालदास जल भी त्याग चुके हैं जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई थी.
संत गोपालदास ने बद्रीनाथ, जोशीमठ और फिर ऋषिकेश में आमरण अनशन किया है. अनशन की शुरूआत उन्होंने 24 जून से की थी. तीन दिन पहले से वे जल भी छोड़ चुके हैं. उनका ये अनशन स्वामी सानंद के अनशन के समर्थन में है और वह मातृसदन में ही रहकर उसी कमरे में अनशन कर रहे थे जहां स्वामी सानंद ने अनशन किया था.
गौरतलब है कि गुहाना हरियाणा के रहने वाले संत गोपालदास पिछले 111 दिनों से उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर अनशन कर रहे थे. उन्हें नली डालकर पानी और जूस दिया जा रहा था.
स्वामी सानंद की मौत
इससे पहले गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए गंगा एक्ट की मांग को लेकर 111 दिन से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद् प्रोफेसर जी डी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद का गुरुवार को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. साल 2011 में गंगा की रक्षा के लिए अनशन करते हुए मातृ सदन के संत स्वामी निगमानंद की भी अस्पताल में मौत हो गई थी.
गंगा में खनन पर रोक लगाने की मांग को लेकर अनशन पर गए निगमानंद सरस्वती का 2011 को देहरादून स्थित जौलीग्रांट अस्पताल में निधन हो गया था. हरिद्वार के पास स्थित कनखल में 1998 में निगमानंद के साथ स्वामी गोकुलानंद ने भी क्रशर व खनन माफिया के खिलाफ अनशन शुरू किया था.
अलग-अलग समय पर अनशन करने के बाद 2011 में निगमानंद की मृत्यु हो गई तो स्वामी गोकुलानंद ने मांग आगे बढ़ाते हुए अनशन किया. वर्ष 2013 में वह एकांतवास के लिए गए थे, जिसके बाद नैनीताल के बामनी में उनका शव मिला था.