
उत्तराखंड के जोशीमठ का मामला दिन-ब-दिन चिंताजनक होता जा रहा है. ऐसे में ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पौड़ी के श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे. यहां उन्होनें बताया कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में जिस तरह से अनियोजित विकास और अंधाधुंध तरीके से विकास किया जा रहा है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इसी विकास की वजह से लगातार विनाश हो रहा है. वे बोले कि बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के चलते आसपास रहने वाले लोग भी से प्रभावित होते हुए दिखाई दे रहे हैं. जोशीमठ इसका ताजा उदाहरण है.
उत्तराखंड पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जोशीमठ को बचाने के लिए आध्यात्मिक तरीका भी अपनाया जा रहा है. आगामी 100 दिनों तक जोशीमठ में धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि जोशीमठ आपदा में जिन प्रभावितों को शिफ्ट किया गया है, उन्हें उसी प्रभावित क्षेत्रों में ही सेल्टर होम में रखा गया है. ऐसे में अगर किसी दिन दुर्घटना हो जाती है तो उसकी चपेट में सभी आएंगे.
'प्रभावित लोगों को उचित जगह किया जाए ट्रांसफर'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सरकार को प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर करना चाहिए. वहीं जोशीमठ के अलावा अन्य क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाओं के कारण पड़ रही दरारों पर भी शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि अनियोजित विकास के कारण इस तरह के हालात उत्तराखंड में पैदा हो गए हैं.
परियोजनाओं की होनी चाहिए जांच
वे बोले कि इन विकास परियोजनाओं का आंकलन किया जाए, उसके बाद उन्हें पहाड़ों में शुरू किया जाना चाहिए. बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ में हर बीतते दिन के साथ हालात और बिगड़ते ही जा रहे हैं. सड़कों, मकानों और होटलों में दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. ऐसे में भू-धंसाव से जूझ रहे जोशीमठ के लिए मौसम विभाग ने परेशान करने वाली खबर दी है. मौसम विभाग की मानें तो जोशीमठ समेत उत्तराखंड के अन्य पहाड़ी इलाकों में अगले चार दिन तक बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग के अलर्ट से लोगों में डर
मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों में डर है कि अगर बारिश हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं. लोगों में डर है कि भू-धंसाव के बाद बनीं दरारों में नमी और बढ़ेगी जिससे दरारें गहरा सकती हैं. इसके अलावा पानी के नए स्रोत भी फूट सकते हैं. जोशीमठ में घरों के आसपास की दरारों को मिट्टी से भरने का काम हो रहा है, लेकिन यहां बढ़ती दरारें लोगों में खौफ बढ़ा रही हैं. खेतों में दरारें इतनी बढ़ गईं हैं कि 15 दिनों में एक से डेढ़ मीटर तक फासला हो चुका है. ऐसे में लोग मौसम विभाग के पूर्वानुमान को लेकर खौफ में हैं.