
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के नरकोटा में बन रहा राज्य का पहला सिग्नेचर ब्रिज फिर फिर से ढह गया है. गुरुवार को इस निर्माणाधीन ब्रिज का एक हिस्सा पूरी तरह से गिर गया. गनीमत रही कि इस हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है. इससे पहले 20 जुलाई, 2022 को भी सिग्नेचर ब्रिज गिर गया था. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी. चारधाम यात्रा के लिहाज से इस ब्रिज को काफी अहम माना जा रहा था.
110 मीटर लंबा ब्रिज बनना है प्रस्तावित
इस ब्रिज को 65 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना है. इस ब्रिज की कुल लंबाई 110 मीटर और ऊंचाई करीब 40 मीटर प्रस्तावित थी. बताया जा रहा है कि पुल के जिस हिस्से पर यह हादसा हुआ वहां कुछ समय पहले ही एलाइनमेंट बदला गया था.
हादसे की जताई गई थी आशंका
जिस जगह पर ये हादसा हुआ है उसे लेकर पहले भी लोगों ने चिंता जाहिर की थी. आशंका जताई गई थी कि इस जगह पर मिट्टी है, जो कभी भी धंस सकती है. ग्रामीण भी इसे लेकर अपनी नाराजगी जता चुके थे.अधिकारियों के सामने भी ये चिंता जाहिर की गई थी लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
ब्रिज का एलाइनमेंट बदला गया...
NHAI की देखरेख में इस पुल का निर्माण किया जा रहा है. इस ब्रिज का निर्माण जिस कंपनी की ओर से किया जा रहा है वही कंपनी सिरोबगड़ ब्रिज भी बना रही है जिसके एलाइनमेंट को लेकर भी शिकायत की जा चुकी है. नरकोटा ब्रिज में भी एलाइनमेंट को लेकर सवाल उठते रहे हैं. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है.
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चारधाम यात्रा के लिहाज से अहम था ब्रिज
110 मीटर की लंबाई वाले इस पुल की ऊंचाई तकरीबन 40 मीटर है. यह पुल ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. नरकोटा में एनएच के बड़े हिस्से को रेलवे ने अधिकृत किया है.उत्तराखड में यह पहला घुमावदार पुल बन रहा है. भारी-भरकम मशीनों से पुल को तैयार किया जा रहा है. इस पुल के बनने से यात्रियों के समय की भी बचत होगी.