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उत्तराखंड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्या राज्य में संभव है फ्लोर टेस्ट?

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ गई थी.

ब्रजेश मिश्र/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2016,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई मंगलवार को टल गई. कोर्ट ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए टालते हुए अटॉर्नी जनरल से सवाल किया कि क्या उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट कराया जा सकता है?

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ गई थी.

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कोर्ट ने दिया रामेश्वर जजमेंट का हवाला
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिवकीर्ति सिंह ने पिछली सुनवाई में कांग्रेस को झटका देते हुए कहा था कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा. सोमवार को कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला देते हुए अटॉर्नी जनरल से फ्लोर टेस्ट की संभावनाओं के बारे में सवाल किया और कहा कि वह बुधवार को इस संबंध में केंद्र का पक्ष रखें.

27 मार्च से लागू है राष्ट्रपति शासन
उत्तराखंड में 27 मार्च से राष्ट्रपति शासन लागू है. केंद्र सरकार ने कांग्रेस पर विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी.

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