
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का राजनीतिक सफर बीच मंझधार में फंस गया है. उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. उनकी तरफ से इस सिलसिले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पहले ही एक पत्र भेजा जा चुका था.अभी के लिए संवैधानिक संकट का हवाला देकर ये इस्तीफा देने की बात कही गई है. लेकिन सत्ता संभालते ही तीरथ सिंह रावत ने कई मौकों पर विवाद खड़ा किया था. उनकी तरफ से ऐसे बयान दिए गए थे जिसकी वजह से विपक्ष ने तो निशाना साधा ही, बीजेपी के लिए भी कई मौकों पर जवाब देना मुश्किल रहा.
पीएम मोदी को बताया भगवान
14 मार्च को एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की गई थी. अब तारीफ करते-करते वे इतना आगे बढ़ लिए कि उन्होंने पीएम की तुलना सीधे भगवान से कर डाली. उन्होंने कहा था कि जैसे राम और कृष्ण को पूजा जाता है, वैसे ही आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी पूजा जाएगा. जिस तरह से भगवान राम ने समाज का कल्याण किया था, उसके बाद से ही उन्हें भगवान का दर्जा मिला, वैसे ही पीएम मोदी भी समाज के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं और लोग उन्हें भी मानेंगे. तीरथ सिंह के इस बयान पर काफी बवाल काटा गया था.
महिलाओं की फटी जींस पर कमेंट
पीएम मोदी को भगवान बताने के दो दिन बाद ही एक दूसरे कार्यक्रम में तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी कर दी थी. उनकी तरफ से फटी जींस वाले फैशन पर तंज कसा गया था. उन्होंने कहा था कि जब वो जहाज से एक बार उड़ान भर रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक महिला अपने दो बच्चों के साथ बिल्कुल पास में ही बैठी थी, वो फटी हुई जीन्स पहनकर बैठी थी. मैंने उनसे पूछा कि बहनजी कहां जाना है, तो महिला ने जवाब दिया कि दिल्ली जाना हैं, उनके पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं और वो खुद एनजीओ चलाती थीं. मैंने सोचा जो महिला खुद एनजीओ चलाती हो और फटी हुई जींस पहनी हो, वह समाज में क्या संस्कृति फैलाती होंगी. जब हम स्कूलों में पढ़ते थे, तो ऐसा नहीं होता था.
तीरथ सिंह का ये बयान उनके कार्यकाल का सबसे विवादित बयान साबित हुआ था. क्या महिला नेता और क्या बॉलीवुड, सभी ने एक सुर में उनके इस बयान की निंदा की थी. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा था कि कोई क्या कपड़े पहनता है, इससे नेताओं का कोई लेना देना नहीं रहना चाहिए. उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया था कि कुछ नेताओं ने गलत बयानी की है.
ज्यादा राशन के लिए ज्यादा बच्चे वाला बयान
मार्च 21 को पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत की तरफ से ज्यादा बच्चे और राशन वितरण के बीच का कनेक्शन बताया गया था. उन्होंने कहा था कि जिनके ज्यादा यूनिट ( बच्चे) हैं, उन्हें ज्यादा राशन मिलता है. बयान में बोला था- अगर मेरे परिवार में दो सदस्य हैं तो हमे 10 किलो राशन मिला, अब जिनके 20 यूनिट ( बच्चे) रहे उन्हें क्विंटल भर राशन मिला. अब इसमें किसकी गलती है? जिसने 20 किए उसे क्विंटल मिला, तुमने सिर्फ दो किए. जलन किस बात की है. जब समय था तब सिर्फ दो क्यों किए, 20 क्यों नहीं किए.
'अमेरिका ने भारत पर किया 200 साल राज'
जिस कार्यक्रम में तीरथ सिंह की तरफ से बच्चों वाला बयान दिया गया था, वहीं पर उनकी तरफ से एक बड़ी गलती भी कर दी गई थी. वे कोरोना मैनेजमेंट के लिए भारत की तारीफ कर रहे थे, लेकिन बयान में कह गए कि भारत पर 200 साल अमेरिका ने राज किया था. उन्होंने कहा था कि दूसरे देशों की तुलना में भारत कोरोना से प्रभावी अंदाज में लड़ रहा है. वहीं जो महाशक्ति अमेरिका है जिसने हम पर 200 साल राज किया था, वो संघर्ष कर रहा है. उनके इस बयान की खूब खिल्ली उड़ाई गई थी. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कह दिया था कि पीएम मोदी 'बेहतरीन टैलेंट' लाए हैं.
'मां गंगा की कृपा से कोरोना नहीं फैलेगा'
जब देश में कोरोना की दूसरी लहर तबाही मचा रही थी, तब उत्तराखंड में कुंभ मेले को लेकर काफी विवाद था. कहा गया था कि कोरोना काल में कुंभ का होना खतरनाक है. लेकिन एक मीटिंग के दौरान तब पूर्व सीएम तीरथ कह गए थे कि मां गंगा की कृपा से कोरोना नहीं फैलने वाला है. वहीं उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कुंभ की तुलना मरकज से नहीं की जा सकती है क्योंकि मरकज वाला कार्यक्रम बंद कमरे हुआ था, वहीं कुंभ तो नीलकंठ और देवप्रयाग तक फैला हुआ है.