
बेरोजगारी पर देश में मचे घमासान के बीच उत्तराखंड में भी अब बेरोजगारों की संख्या में और इजाफा होने जा रहा है. जहां एक ओर सरकार इस साल को रोजगार का साल बनाने की बात कर रही है, तो वहीं अब स्वास्थ्य विभाग से संविदा कर्मचारी बाहर होने जा रहे हैं. उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल से अब कई संविदा कर्मियों की छुट्टी कर दी गई है. प्रशासन उनको नोटिस थमा चुका है और अब इनके आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो चुका है.
सरकार के घोषित रोजगार वर्ष की शुरुआत में ही बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ने लगा गया है. जहां सरकार इस वर्ष को रोजगार वर्ष घोषित कर चुकी है, तो वहीं खुद मुख्यमंत्री के ही विभाग से कई लोग रविवार से बेरोजगार होने जा रहे हैं. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में कार्यरत संविदा कर्मियों का कार्यकाल एक मार्च को पूरा होने जा रहा है, ऐसे में 50 के करीब संविदा पर रखे गए कर्मी बाहर हो जाएंगे.
रोजी रोटी का संकट
संविदा कर्मियों के बाहर होने पर कहीं न कहीं दून अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं. बता दें कि दून अस्पताल उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार होता है और पूरे प्रदेश से लोग यहां इलाज कराने आते हैं, ऐसे में एक साथ इतने लोगों के हटाए जाने से अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा सकती हैं.
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हालांकि, संविदा कर्मियों का कार्यकाल पूरा होने पर अस्पताल प्रशासन को कार्यकाल बढ़ाने के लिए कहा गया है. एक मार्च को उनका कार्यकाल पूरा होने वाला है, तो अभी तक सरकार की तरफ से उनके लिए कोई भी आदेश या आश्वासन जारी नहीं किया है, ऐसे में उनके आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
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दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आशुतोष सयाना का कहना है कि नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत उनकी समयावधि समाप्त होने जा रही है. हालांकि, समय को बढ़ाया जाए इसके लिए शासन से निवेदन किया गया है.