
उत्तराखंड में केदारनाथ के पास ग्लेशियर खिसकने की घटना सामने आई है. शुरुआती तौर पर बताया गया कि ग्लेशियर खिसकने से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में आज सुबह हिमस्खलन हुआ, लेकिन केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
केदारनाथ मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसकने का एक वीडियो सामने आया है. इसमें देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया. हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
आपदा प्रबंधन विभाग ने गठित की समिति
केदारनाथ में पिछले 10 दिनों में दो बार एवलांच की घटनाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इसे देखते हुए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने 4 लोगों की एक समिति गठित की है, जो हिमस्खलन का शोध कर इसकी पुनवर्ती की जांच करेंगे.
एवलांच ग्लेशियर के विकास में मददगार
आजतक से बातचीत में वरिष्ठ भूवैज्ञानिक और उत्तराखण्ड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक डॉ एमपीएस बिष्ट ने कहा कि इस एवलांच से घबराने की जरूरत नहीं है. यह ह्यूमन सेटलमेंट से काफी दूर था. यह केदार पर्वत स्थित कंपैनियन ग्लेशियर के पास छोटे-छोटे ग्लेशियर यानी कर्क होते हैं जो टूटते-बनते रहते हैं. इस बार भी यह टूटे तो हिमस्खलन हुआ. इनका टूटना ग्लेशियर के विकास में मदद करता है.
पिछले दिनों हुई थी लैंडस्लाइड
बताते चलें कि केदारघाटी में बारिश का सिलसिला जारी है. 21 सितंबर को केदारनाथ हाइवे पर भूस्खलन (landslide) हुआ था. हालांकि, गनीमत रही थी कि वहां से गुजर रहे वाहन पहाड़ी के मलबे की जद में नहीं आए. बारिश के कारण चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ रहा है.
बुधवार शाम केदारनाथ हाई-वे पर फाटा के निकट पहाड़ी से जोरदार भूस्खलन हो गया. एक साथ कई टन मलबा और बोल्डर पहाड़ी से हाइवे पर गिरे. पहाड़ी से मलबा गिरता देखकर वाहनों चालक रुक गए. एक यात्री बस को कुछ नुकसान हुआ था. बारिश के बाद भूस्खलन होने से जगह-जगह बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे पर यातायात बाधित हो रहा. यात्रियों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ा था. पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था.