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विधानसभा बैकडोर भर्ती: स्पीकर ने बनाई जांच कमेटी, आम आदमी पार्टी-कांग्रेस ने साधा निशाना

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी ने कड़क तेवरों में कहा कि जांच के लिए समिति गठित की. यह जांच को 2 चरणों में शुरू की जाएगी. समिति अपनी रिपोर्ट 1 महीने के अंदर सौंपेगी. समिति में दिलीप कुमार कोटिया को अध्यक्ष बनाया गया है. सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र नयाल को सदस्य बनाया गया है. यह कमेटी हर चीज को गंभीरता से लेते हुए उस पर नजर रखेगी.

ऋतु खंडूरी (File Photo) ऋतु खंडूरी (File Photo)
aajtak.in
  • देहरादून,
  • 04 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

उत्तराखंड की विधानसभा में बैकडोर भर्ती विवाद पर सियासत गरमाती जा रही है. शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी ने विधानसभा बैकडोर भर्ती के लगातार लग रहे आरोपों पर प्रेस कांफ्रेंस कर जांच के लिए समिति गठित की. यह जांच को 2 चरणों में शुरू की जाएगी. समिति अपनी रिपोर्ट 1 महीने के अंदर सौंपेगी.

समिति में दिलीप कुमार कोटिया को अध्यक्ष बनाया गया है. सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र नयाल को सदस्य बनाया गया है. यह कमेटी हर चीज को गंभीरता से लेते हुए उस पर नजर रखेगी. 

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इस बीच आरोपों से घिरे सचिव मुकेश सिंगल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि यह गंभीर मसला है. इस पर काफी मंथन करने के बाद सदन की गरिमा को बचाना मेरा दायित्व है. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी ने कड़क तेवरों में कहा कि वह किसी को निराश नहीं करेंगी, चाहे कितने भी कठोर निर्णय लेने पड़ें. 

उन्होंने आगे कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगी. 2000 से 2011 तक उत्तर प्रदेश की नियमावली पर हम काम कर रहे थे और 2012 से 2022 तक हमारी नियमावली चल रही है, दोनों पर ही जांच की जाएगी.

उत्तराखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा की इस घोटाले की चिंगारी 2 राज्यों में फैली है. इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए. आम आदमी पार्टी ने भी इस केस को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. 

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आप नेता और दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिदोदिया ने कहा कि उत्तराखंड में बिना कोई विज्ञापन निकाले, 129 सरकारी नौकरियां सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के रिश्तेदारों को दे दी? मनीष सिसोदिया ने पूछा कि ये कौन सी राजनीतिक पार्टी है जो भ्रष्टाचार कर रही है. भ्रष्टाचारियों को बचा रही है? 'ओपरेशन लोटस' में व्यस्त आपके CBI, ED तो इसकी जांच नहीं करेंगे.

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