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बीजेपी के मुख्यमंत्री शराब कारोबारियों पर क्यों हैं मेहरबान?

पिछले कई दिनों से शराब को लेकर चल रहे प्रदेश भर में आंदोलन के बाद त्रिवेंद्र सरकार की दूसरी कैबिनेट में सरकार ने शराब को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के 64 स्टेट हाईवे को त्रिवेंद्र सरकार ने जिला मार्ग घोषित कर दिया है.

सिएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सिएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह
  • देहरादून,
  • 07 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 10:59 PM IST

पिछले कई दिनों से शराब को लेकर चल रहे प्रदेश भर में आंदोलन के बाद त्रिवेंद्र सरकार की दूसरी कैबिनेट में सरकार ने शराब को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के 64 स्टेट हाईवे को त्रिवेंद्र सरकार ने जिला मार्ग घोषित कर दिया है.

राज्य में 40% जो शराब की 176 दुकानें हैं वो इन 64 मार्गो में आएंगी सरकार ये समझती है कि शराब और खनन से राज्य को एक बड़ा रेवेन्यू आता है और शायद यही कारण है कि शराब नीति को लेकर सरकार कोई भी जल्दबाजी में फैसला नहीं लेना चाहती. यही कारण है कि त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट ने ये फैसला लिया है.

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एक तरह से ये कह सकते हैं कि शराब कारोबारियों के लिए ये अच्छी खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था, अब वो काफी हद तक राज्य सरकार को लागू नहीं करना पड़ेगा. ये जानकारी चीफ सेक्रेटरी एस रामास्वामी ने दी हैं.

जैसे ही राज्य सरकार ने ये फैसला लिया, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी बयान आ गया. हरीश रावत ने कहा 'जिन सड़कों को हमने स्टेट हाइवे घोषित करवाया था, उनको सरकार कैसे जिला मार्ग घोषित कर सकती है. ये सरकार का अच्छा फैसला नहीं हैं. सरकार को इस मामले में कानूनी राय लेनी चाहिए थी. इस मामले से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार शराब की दुकानों को खोलना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट को क्या जवाब दिया जाएगा ये मेरी समझ से परे है, पर मैं सरकार की आलोचना भी नहीं करना चाहता.'

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