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उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को सिक्कों से तोला

उत्तराखंड  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को हल्द्वानी में एक कार्यक्रम के दौरान राजपुरा  मलिन बस्ती वासियों ने आजीवन सहयोग निधि के लिए जमा किये गए सिक्कों के माध्यम से तोला गया.

उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को सिक्कों से तोला गया. उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को सिक्कों से तोला गया.
राहुल विश्वकर्मा
  • हल्द्वानी,
  • 07 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:26 AM IST

उत्तराखंड में  नगर पंचायत और नगर निगम के चुनाव में अभी कुछ समय बाकी है, लेकिन राजनीतिक दल अपने नेताओं को अ़भी से अनोखे करतबों से खुश करने में लग गये हैं. ताजा मामला उत्तराखंड के हल्द्वानी  नगर निगम क्षेत्र का है जहां पर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. अपने प्रदेश अध्यक्ष को खुश करने के लिए वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं ने जो किया वह सब देखते ही रह गये.

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उत्तराखंड  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को हल्द्वानी में एक कार्यक्रम के दौरान राजपुरा  मलिन बस्ती वासियों ने आजीवन सहयोग निधि के लिए जमा किये गए सिक्कों के माध्यम से तोला गया.  साथ ही इस कार्यक्रम में भाजपा आजीवन सहयोग निधि के सैकड़ों चेक भी प्रदेश अध्यक्ष को प्रदान किए.  इस मौके पर अजय भट्ट ने कार्यकर्ताओं का आभार जताया. उन्होंने कहा कि राज्य का गरीब से गरीब इंसान भी भाजपा को  निधि में सहयोग कर पार्टी को अपना समर्थन दे रहे हैं, जिससे भाजपा की लोकप्रियता साफ झलक रही है.

कांग्रेस के आरोपों पर अजय भट्ट ने कहा कि भाजपा साफ सुथरे तरीके से पार्टी के लिए चंदा जुटा रही है. लिहाज़ा आरोप लगाने का कोई मतलब ही नहीं होता. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान ज़िले बेचकर, थाने  बेचकर और अधिकारियों पर दबाव बनाकर पैसा वसूल करती थी. इसलिए कांग्रेस भाजपा के इस कार्यक्रम को उसी चश्मे से देख रही है. कांग्रेस को इन आरोपों को लगाते हुए शर्म महसूस करनी चाहिए.

 इस दौरान अजय भट्ट ने  10 महीने में मुख्यमंत्री के चाय-पानी में हुए लाखों के खर्च पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब में सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले लोगों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था आवश्यक होती है. लिहाजा यह कोई फिजूलखर्ची नहीं है.  यह मुख्यमंत्री के कार्यालय का सामान्य खर्च है जो जायज है. बल्कि इस बात को खुशी से लिया जाना चाहिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि पिछले 10 महीनों में इतनी ज्यादा जनता मुख्यमंत्री से मिली है. लिहाज़ा चाय-पानी के लिए 68  लाख का खर्च किये जाने पर अचम्भा होने की  जरूरत नहीं है.

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