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उत्तराखंड कैबिनेट का फैसला, मंत्रियों को खुद दाखिल करना होगा इनकम टैक्स

अब तक सरकार मंत्रियों का इनकम टैक्स भरा करती थी. अब राज्य सरकार के मंत्रियों को खुद अपना टैक्स भरना होगा.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (file-ANI) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (file-ANI)
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून,
  • 23 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST

उत्तराखंड कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. अब उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों को खुद अपना इनकम टैक्स दाखिल करना होगा. दरअसल, अब तक सरकार मंत्रियों का इनकम टैक्स भरा करती थी. अब राज्य सरकार के मंत्रियों को खुद अपना आयकर भरना होगा.

इस बार कुमाऊं के अल्मोड़ा में कैबिनेट की बैठक हुई. सबसे बड़ी बात यह है कि कैबिनेट बैठक पूरी तरह पेपरलेस रही. अल्मोड़ा कैबिनेट में लिए गए अहम फैसले ये हैं-

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-अब मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स भरेंगे.

-सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को मंजूरी.

-जल नीति 2019 को मंजूरी.

-पीपीपी मोड नीति 2012 में संशोधन.

-राज्य की आईटीआई में फीस वृद्धि को मंजूरी. फीस वृद्धि से मिलने वाले राजस्व का कुछ हिस्सा आईटीआई और कुछ हिस्सा राजकोष में जमा होगा. आईटीआई के स्तर को सुधारने के लिए राज्य सरकार इस राशि का उपयोग करेगी.

-जंगली जानवरों से जान-माल की हानि का मुआवजा अब वन विभाग की जगह आपदा के फंड से मिलेगा.

-टिहरी झील के पास आइटीबीपी के एडवेंचर सेंटर को मंजूरी. इसमें जब तक भूमि उपलब्ध न हो, तब तक पर्यटन विभाग के भवनों का उपयोग किया जाएगा.

-डॉ आरएस टोलिया प्रशासकीय अकादमी नैनीताल की सेवा नियमावली को मंजूरी.

-राज्यपाल सचिवालय और राजभवन की अब से एक ही नियमावली होगी.

-पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास नियमावली में संशोधन. अब पुराने घर के नवीनीकरण या उसमें सुविधाएं बढ़ाने के लिए 143 की जरूरत नहीं, बैंक से ऐसे होमस्टे को अब मिल सकेगा लोन.

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-मोटरयान नियमावली में संशोधन, अब 30 दिन के भीतर संबंधित थाने को रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा.

उत्तराखंड डेयरी सहकारी फेडरेशन के तहत उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों के लगभग 6 लाख बच्चों को सप्ताह में 1 दिन पौष्टिक दूध मिलेगा. इसके साथ ही पशुपालन विभाग के तहत वैक्सीनेटर सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई है.

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