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चमोली में टूटा ग्लेशियर, राहत कार्य के लिए स्टैंड बाई में चिनूक हेलिकॉप्टर

रेस्क्यू के लिए भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर्स को स्टैंड बाई में रखा गया है. चिनूक हेवी लिफ्ट ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है जो राहत और बचाव कार्य के दौरान हेवी लोड उठाने में सक्षम है.

चिनूक हेलिकॉप्टर चिनूक हेलिकॉप्टर
गौरव सावंत
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST
  • ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है चिनूक
  • हैवी लोड उठाने में है सक्षम

हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड एक बार फिर भीषण त्रासदी से जूझ रहा है. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. अब भी सौ से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) और स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एसडीआरएफ) के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं.

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केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्य के लिए नेवी के गोताखोरों का दल भी चमोली भेजा है, वहीं भारतीय वायुसेना भी रेस्क्यू के लिए तैयार है. रेस्क्यू के लिए भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर्स को स्टैंड बाई में रखा गया है. चिनूक हैवी लिफ्ट ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है जो राहत और बचाव कार्य के दौरान हेवी लोड उठाने में सक्षम है. इसे देखते हुए ही चिनूक को राहत और बचाव कार्य के लिए स्टैंड बाई में रखा गया है.

गौरतलब है कि चमोली जिले के तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया. इस प्रोजेक्ट को व्यापक नुकसान पहुंचा है. दूसरी तरफ, इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई लोग भी लापता हो गए हैं. तपोवन टनल के मुहाने पर भी कचरा जाम हो गया था, जिससे टनल में भी कई लोग फंस गए थे.

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तपोवन टनल से 16 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. संयोग था कि टनल के मुहाने पर कचरा जाम हो जाने के कारण पानी उसके अंदर नहीं जा सका. फंसे लोगों ने फोन कर प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

 

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