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अटकलों के दौर को खत्म कर कैसे तीरथ सिंह रावत ने मारी उत्तराखंड की बाजी!

भारतीय जनता पार्टी के सांसद तीरथ सिंह रावत अब देवभूमि की कमान संभालेंगे और त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह लेंगे. बीते दिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना पद छोड़ा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम सामने आए थे लेकिन अंतत: जिस नाम पर मुहर लगी वो तीरथ सिंह रावत ही थे.

तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान (फोटो: PTI) तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान (फोटो: PTI)
मंजीत नेगी
  • देहरादून,
  • 10 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST
  • तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान
  • गढ़वाल से सांसद हैं तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड को आखिरकार उसका नया मुख्यमंत्री मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद तीरथ सिंह रावत अब देवभूमि की कमान संभालेंगे और त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह लेंगे. बीते दिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना पद छोड़ा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम सामने आए थे लेकिन अंतत: जिस नाम पर मुहर लगी वो तीरथ सिंह रावत ही थे.

जब बतौर विधायक दल के नेता के रूप में तीरथ सिंह रावत को चुना गया, उसके बाद उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे यह पदभार दिया. मैं गांव से आया हुआ एक छोटा-सा कार्यकर्ता हूं, मैंने कभी कल्पना नहीं की थी. जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा.

बीते दिन से जारी था कयासों का सिलसिला
त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंगलवार शाम को इस्तीफा देने के साथ ही मुख्यमंत्री के लिए कई नाम भी गिनाए जाने लगे थे. कोई अजय भट्ट की बात कर रहा था, तो कोई केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की. राज्य सरकार में कई मंत्री भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे. लेकिन तय किया गया कि विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें निर्णय किया जाएगा. 

विधायक दल की मीटिंग के बाद जैसे ही नेता इकट्ठा होने लगे, तो एक दम से तीरथ सिंह रावत के नाम का ऐलान हुआ और हर कोई चौंक गया. 

साफ है कि बीजेपी के इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लीक से हटकर सोचता है. याद करिए जब 2017 में उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम का ऐलान हुआ था, तब भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में भी ऐसा ही हुआ था. 

गौरतलब है कि पार्टी विधायकों और मंत्रियों की नाराजगी के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई थी. जिसके बाद विवाद बढ़ा और पार्टी को उन्हें हटाने का फैसला लेना पड़ा. दिल्ली में कई नेताओं से मीटिंग के बाद मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था.  

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