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बहुविवाह पर रोक, लिव इन रिलेशनशिप की देनी होगी जानकारी... पढ़ें- उत्तराखंड के UCC ड्राफ्ट की बड़ी बातें

UCC ड्राफ्ट रिपोर्ट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुझे ड्राफ्ट मिल गया है, इसकी जांच की जाएगी और फिर इसे लागू किया जाएगा. हमने राज्य चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लोगों से वादा किया था और उन्होंने हमारी सरकार बनाई.

उत्तराखंड में UCC ड्राफ्ट समिति ने सरकार को सौंप दिया है  उत्तराखंड में UCC ड्राफ्ट समिति ने सरकार को सौंप दिया है
अंकित शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दस्तावेज सौंप दिया. सूत्रों के मुताबिक ड्राफ्ट में बहुविवाह की प्रथा पर प्रतिबंध, समान विरासत अधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप की अनिवार्य घोषणा जैसे अहम सुझाव दिए गए हैं. मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले पैनल ने धामी को यूसीसी ड्राफ्ट सौंपा. मसौदा जमा करने से पहले धामी के आधिकारिक आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी.

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UCC ड्राफ्ट रिपोर्ट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुझे ड्राफ्ट मिल गया है, इसकी जांच की जाएगी और फिर इसे लागू किया जाएगा. हमने राज्य चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लोगों से वादा किया था और उन्होंने हमारी सरकार बनाई. इसलिए हम वह वादा निभा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इसे लागू करेंगे.
 

UCC ड्राफ्ट की बड़ी बातें

1- लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी 

2- विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. 

3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे. तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा.

4- एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी, यानी पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी.

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5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर अधिकार होगा. 
 
6- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा. ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा.

7- अनुसूचित जनजाति के लोग इस परिधि से बाहर रहेंगे.
 

मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी गयी थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था. अगर लागू हुआ तो उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है.


चार खंडों में सौंपी गई UCC की ड्राफ्ट रिपोर्ट

उत्तराखंड में UCC का ड्राफ्ट चार खंडों में सरकार को सौंपा गया है. इस रिपोर्ट का शीर्षक है समानता द्वारा समरसता. यह हिन्दी और अंग्रेज़ी में है. बड़ी बात ये है कि रिपोर्ट के मुखपृष्ठ पर छपी न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी नहीं बंधी है. इसका संदेश ये है कि क़ानून अब सबको समान नज़रों से देखेगा. इसीलिए शीर्षक समानता से समरसता रखा गया है. पहले खंड में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट है. दूसरे खंड में ड्राफ्ट कोड है. तीसरे खंड में हितधारकों से विचार-विमर्श पर रिपोर्ट है. चौथे खंड में प्रारूप संहिता को रखा गया है.

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