
दीप पर्व दीपावली से पहले प्रदूषण को लेकर सभी चिंतित थे. उत्तराखंड सरकार के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों ने भी लोगों को इसे लेकर जागरूक करने के लिए अभियान चलाया. इसका नतीजा अब सामने आया है. प्रदूषण बोर्ड की ओर से सोमवार को रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें प्रदूषण मानकों से अधिक नहीं पाया गया है. यह रिपोर्ट शहर के चार स्टेशनों की है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा प्रदूषण देहरादून के दून अस्पताल और रायपुर क्षेत्र में रिकॉर्ड किया गया.
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया कि वायु में पीएम 10 की मात्रा मानकों से ज्यादा नहीं पाई गई है. उन्होंने इसे एक सप्ताह पहले से प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर चलाए गए अभियान का नतीजा बताया. पोखरियाल ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में इस दीपावली में प्रदूषण ज्यादा बढ़ा है. इसके मुकाबले देहरादून में प्रदूषण काफी कम रहा.
कम रही पटाखों की बिक्री
सूबे में इस बार पटाखों की बिक्री भी काफी कम रही. कम प्रदूषण के पीछे इसकी भी बड़ी भूमिका रही. बताया जाता है कि पटाखा की दुकानों की संख्या भी कम रही और लोगों ने आतिशबाजी से परहेज किया. पटाखों की दुकानें सूनी दिखीं. इसका परिणाम यह रहा कि प्रदूषण मानकों से भी कम रहा.
सरकार ने ली राहत की सांस
उत्तराखंड सरकार ने इस बार प्रदूषण को लेकर काफी सक्रियता दिखाई थी. कुछ दिन पहले से ही पटाखे न फोड़ने को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान छेड़ा गया था. अब प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी राहत की सांस ली है. गौरतलब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.