
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद भारी तबाही हुई है. पहाड़ी इलाकों में तबाही के बाद अब निचले इलाकों में लोगों को सुरक्षित रखने पर ध्यान दिया जा रहा है. हरिद्वार केंद्र सरकार की प्राथमिकता सूची में पहले स्थान पर है.
दरअसल हरिद्वार धार्मिक नगर तो है ही, यहां पर इस बार कुंभ का आयोजन किया जा रहा है. इसलिए चमोली की घटना के बाद यहां विशेष सावधानी बरती जा रही है.
हालांकि चमोली से निकले पानी की रफ्तार अब सामान्य हो गई है और उत्तराखंड में निचले इलाकों में गंगा नदी का जलस्तर सामान्य बना हुआ है. लेकिन फिर भी हरिद्वार में हाई अलर्ट है.
हरिद्वार में पुलिस प्रशासन, आपदा प्रबंधन टीम बाढ़ चौकियों के साथ-साथ दूसरे विभाग हरिद्वार में अलर्ट मोड पर हैं. अलर्ट को देखते हुए खुद एसएसपी हरिद्वार, सिटी मजिस्ट्रेट, सिंचाई विभाग के कई अधिकारी आज हरिद्वार के भीमगोडा बैराज पहुंचे और गंगा के जलस्तर का जायजा लिया. ग्लेशियर फटने के बाद भीमगोडा बैराज पर गंगा का जलस्तर बढ़ने की पूरी संभावना है.
कुंभ से जुड़े निर्माण को खतरा
वहीं हरिद्वार में कुम्भ मेले के मद्देनजर कई निर्माण गंगा तट और गंगा क्षेत्र में कुम्भ मेला प्रशासन द्वारा कराए गए हैं. यहां अभी भी कई कार्य प्रगति पर हैं. अगर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो इस निर्माण को नुकसान हो सकता है. प्रशासन ने भी कुंभ मेले से जुड़ी तैयारियों को गंगा नदी के किनारे से तत्काल दूर कर लिया था.
जिलाधिकारी हरिद्वार ने खुद संभाली कमान
भीमगोडा बैराज पर गंगा के जलस्तर का जायजा लेने पहुंचे हरिद्वार के सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने कहा कि जैसे ही सूचना प्राप्त हुई हमने तहसीलदार को अपने सभी स्टाफ को अलर्ट करने के लिए कह दिया. सभी पुलिस थानों और चौकियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. हरिद्वार के जिलाधिकारी द्वारा खुद जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है. गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को भी प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है.
हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्ण राज ने कहा कि हम संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं. सभी थानों और चौकियों को प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करने के लिए कहा किया गया है. साथ ही प्रशासन के साथ मिलकर पुलिस टीम को गंगा से लगे सभी तटवर्ती इलाको में रहने वाले लोगों को मुनादी करके सुरक्षित स्थानों पर जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन ने कहा है कि लोग गंगा के किनारे न जाएं. हरिद्वार और ऋषिकेश में राफ्टिंग रोक दी गई है.
पहले स्नान में मुश्किल?
प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने को कहा है. सिंचाई विभाग के साथ लगातार संपर्क रखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि कुंभ का पहला शाही स्नान प्रभावित हो सकता है. क्योंकि घाटों पर चल रहा काम चमोली हादसे के बाद प्रभावित हो सकता है. हालांकि, जिले की पूरी मशीनरी एक्टिवेट कर दी गई है. स्नान तय समय पर ही हो इसकी पूरी कोशिश है.
11 मार्च को पहला शाही स्नान
बता दें कि कुंभ मेले का पहला शाही स्नान 11 मार्च को है. इसी दिन शिवरात्रि है. हालांकि प्रशासन ने कई महीने पहले से इसकी तैयारियां कर ली है. जिला प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.