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अडाणी के वायरल वीडियो से रावत सरकार की उड़ी नींद, साइबर सेल कर रही जांच

मुख्यमंत्री का दावा है कि उद्यमियों और निवेशकों के साथ कुल मिलाकर 601 एमओयू हुए. जिससे 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने का संभावना है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फाइल फोटो: ट्विटर @DIPR_UK) मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फाइल फोटो: ट्विटर @DIPR_UK)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में इंवेस्टर्स समिट के आयोजन और राज्य की कथित तौर पर आलोचना करने वाले उद्योगपति गौतम अडाणी के वायरल हो रहे वीडियो पर राज्य से सूचना विभाग ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है. जबकि इस वीडियो की जांच के लिए चंडीगढ़ के फॉरेंसिक लैब भेजा गया है.

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार इस वीडियो से छेड़छाड़ करके राज्य की छवि खराब करने की साजिश की गई है. मामले की जांच पुलिस की साइबर सेल कर रही है, जिसने वीडियो की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा है.  जांच रिपोर्ट आते ही वीडियो से छेड़छाड़ करने वाले और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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एएनआई के मुताबिक, यह वीडियो 9 अक्टूबर को एक वेबसाइट पर नजर आया था. जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया. बता दे कि इस इंवेस्टर्स समिट में उत्तराखंड को 1.20 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव का दावा किया जा रहा है. जिसमें देश के कई बड़े उद्योगपतियों ने राज्य में निवेश करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.

इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस समिट में अडाणी समूह, रिलायंस समूह, महिंद्रा ग्रुप, आईटीसी, अमूल, पतंजली जैसे बड़े समूहों राज्य में निवेश के प्रस्ताव पर एनओयू साइन किया. रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भविष्य में उत्तराखंड को डिजिटल देवभूमि के तौर पर विकसित करने की बात कही थी.

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राज्य सरकार का दावा है कि समिट के दौरान हुए करार के धरातल पर उतरने की सूरत में राज्य में 3 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन होगा और पर्यटन, कृषि जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.

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