
उत्तराखंड की हसीन वादियों को छोड़कर अपने घर से दूर रहने वाले युवा कोरोना काल में नौकरी जाने के बाद वापस तो आ गये, लेकिन उनके सामने रोजगार का संकट गहरा गया. फाइव स्टार होटल में काम करने वाले ऐसे ही 17 युवाओं के लिए उत्तराखंड सरकार ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाये हैं. इन युवाओं को सरकारी कार्यक्रम में कैटरिंग का काम दिया गया है.
देहरादून के गैरसैंण के रहने वाले अधिकतर युवा होटल इंड्रस्टी में हैं. अपने शहर से दूर विभिन्न शहरों के फाइव स्टार होटल में नौकरी कर रहे थे. कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में होटल इंड्रस्टी का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ, तो इनकी नौकरियों भी चली गईं. इसके बाद ये लोग वापस अपने घर तो आ गये, लेकिन इनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया. ऐसे ही 17 युवाओं ने मिलकर उस काम को चुनने का निर्णय लिया, जिसमें इन्हें महारथ हासिल है. स्वरोजगार के तहत इन युवाओं ने कैटरिंग के बिजनेस की शुरुआत की, जिसमें इन युवाओं को उत्तराखंड सरकार का पूरा सहयोग मिला.
उत्तराखंड सरकार ने इन युवाओं को सरकारी कार्यक्रम के अलावा वीवीआईपी लोगों के यहां होने वाले आयोजनों में कैटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है. स्थानीय विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने इस मामले में बताया कि स्वरोजगार की ये एक शुरुआत है. उन्होंने कहा कि स्वरोजगार योजना के तहत 150 कामों को चिन्हित किया गया है. इसमें कृषि से लेकर मत्स्य पालन और मुर्गी पालन से लेकर अनेक तरह के कामों को रखा गया है, जो लंबे समय तक के काम हैं. उन्होंने कहा कि नौकरी न मिलने से परेशान युवा इन कामों में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो सरकार इनको बिना ब्याज के ऋण दे रही है.
उत्तराखंड वापस लौटे इन युवाओं ने जब स्वरोजगार शुरू किया, तो सरकार ने भी नियमों से हटकर इनकी मदद शुरू की है. होटल लाइन से जुड़े युवाओं को सरकार ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर कैटरिंग का सारा काम देकर इन युवाओं का हौसला बढ़ाने का काम किया है. बता दें कि सरकार के कार्यक्रमों में कैटरिंग के लिये टेंडर डाले जाने अनिवार्य होते हैं, लेकिन सरकार ने राज्य स्थापना दिवस पर इन स्थानीय युवाओं को बिना टेंडर के काम दिया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आगे भी इन युवाओं का सरकार ध्यान रखेगी. वापस लौटे इन युवाओं को स्वरोजगार के लिये सरकार अनेक कदम उठाएगी, जिससे ये युवा अपने घर पर ही रहकर स्वरोजगार कर पाएं. रोजगार के लिये इनको घर छोड़कर न जाना पड़े.
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