
जैसे-जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस और भाजपा ने दलित बस्तियों का रुख करना शुरू कर दिया है. पहले हरीश रावत ने सौ दलित परिवार के साथ उनके घर जाकर खाने का फैसला लिया तो उसके तुरंत बाद बीजेपी ने भी उसी राह चलने की तैयारी कर ली.
अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 300 दलितों के साथ बैठकर भोजन करने का फैसला लिया. ये बात अलग है कि उनके लिए जो भोजन आया, उसकी बाकायदा एक टीम ने जांच की जिसके बाद उन्हें खाना परोसा गया.
इसके अलावा बीजेपी ने एक और नया कदम उठाया है. इसके तहत अब सरकार के मंत्री दलित और मलिन बस्तियों में रात भी बिताएंगे. इस संबंध में उत्तराखंड सरकार का अपने मंत्रियों के लिए नया फरमान जारी हुआ है. सरकार के मंत्रियों को अब अपने गृह जनपद या अपनी विधानसभा में एक रात मलिन और दलित बस्तियों में जाकर रहना होगा.
इसका मकसद मंत्री और विधायकों द्वारा राज्य व सरकारी योजनाओं से लोगों को अवगत कराना है. सवाल है कि आखिर चुनावी बेला में तमाम राजनीतिक दलों का दलित प्रेम कैसे जाग उठता है.
बहरहाल उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि हरेक एक मंत्री दलित बस्ती में जाकर सरकार की विकास योजनाओं के बारे में लोगों को बताएगा.