Advertisement

अब उत्तराखंड सरकार खोलेगी सुपर-30 और सुपर-100

बिहार के आनंद कुमार के सुपर-30 की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार भी सुपर-30 और सुपर-100 शुरू करने जा रही है. इस पर सरकार ने तेजी से काम भी शुरू कर दिया है.

सुपर-30 सुपर-30
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

बिहार के आनंद कुमार के सुपर-30 की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार भी सुपर-30 और सुपर-100 शुरू करने जा रही है. इस पर सरकार ने तेजी से काम भी शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि राज्य की अलग-अलग यूनिवर्सिटी और प्रमुख कॉलेजों में सुपर-30 और सुपर-100 की तर्ज पर कोचिंग कैप्सूल शुरू करने की योजना पर सरकार तेजी से काम कर रही है. रावत ने देहरादून यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा पर आयोजित एक सेमिनार के दौरान ये बात कही. शिक्षा में गुणवत्ता लाने और कॉलेज स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए ये सुपर-30 और सुपर-100 बच्चों को IAS और PCS परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे.

Advertisement

आज की शिक्षा पद्धति से कहीं बेहतर गुरुकुल शिक्षा पद्धति:

चकाचौंध और ग्लैमर की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था के दौर में छात्र न भटकें और अपनी माटी से जुड़े रहें, इसके लिए भी सरकार प्रावधान कर रही है. इस नये प्रावधान के तहत सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि छात्र विश्वविद्यालयों में कम से कम 7 घंटे का समय बिताएं, जिनमें से 5 घंटे पढ़ाई और 2 घंटे खेल के लिए होंगे. इसके अलावा सभी कॉलेजों में वंदे मातरम, जन गण मन अनिवार्य किया गया है.

उत्तराखंड में होंगे आधुनिक गुरुकुल-

राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के तमाम कॉलेज आधुनिक गुरुकुल की तरह बनाए जाएंगे. हालांकि ऊपर लिखे प्रावधानों के अलावा क्या कुछ और किया जाएगा, इस पर रावत ने खुलासा नहीं किया. ये जरूर कहा कि उच्च शिक्षा पर सरकार का विशेष फोकस है और किताबों से लेकर फर्नीचर तक कॉलेजों को किसी भी सुविधा की कमी नहीं होने दी जाएगी.

Advertisement

बता दें कि उत्तराखंउ की साक्षरता दर 89 प्रतिशत है. इसका मतलब यह हुआ कि अब भी उत्तराखंड में 11 फीसदी लोग अनपढ़ हैं. ऐसे में सरकार की सुपर-30 और सुपर-100 स्कीम के जरिये मेधावी छात्रों की उच्च श‍िक्षा में आर्थ‍िक तंगी आड़े नहीं आएगी.  

सुपर-30 के बारे में

सुपर-30 में आर्थ‍िक रूप से कमजोर मगर मेधावी छात्रों का चुनाव किया जाता है और उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठ‍ित संस्थानों में से एक IIT के लिए तैयार किया जाता है. पिछले 7 वर्षों के दौरान इस संस्थान ने 100 से भी ज्यादा आईआईटीयन को जन्म दिया है, जो आर्थ‍िक रूप पिछड़े हुए थे. इस प्रोग्राम के दौरान छात्रों का रहना, खाना और कोचिंग बिल्कुल नि:शुल्क होता है.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement