
उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है. विधानसभा बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के बाद प्रदेश के कई जिलों में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गैरसैण में भी गुरुवार को बड़े प्रदर्शन के दौरान उनके इस्तीफे की मांग उठी.
गैरसैण में हुए प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि 2027 का चुनाव नजदीक है और कुछ सड़क छाप नेता आंदोलन की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि प्रदर्शन राज्य के विकास के लिए होता तो समझ में आता, लेकिन मंत्री को हटाने के लिए प्रदर्शन करना ठीक नहीं.
पहाड़ और मैदान के बीच का विवाद बढ़ा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल का बयान राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक मुद्दा है. उनके बयान से पहाड़ी समुदाय को ठेस पहुंची है.
गरिमा दसौनी ने कहा कि महेंद्र भट्ट का प्रदर्शनकारियों को सड़क छाप नेता कहना पूरे प्रकरण को और गंभीर बना रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व लोगों की भावनाओं पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है.
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और राज्य आंदोलनकारियों के नेतृत्व में गैरसैण में प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर व्यापक जनआंदोलन हुआ. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और कहा कि भाजपा को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.
बता दें, फेसबुक पोस्ट के माध्यम से महेंद्र भट्ट ने सफाई दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट पर लिखा कि मित्रों आज मेरा एक बयान को लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी से जोड़कर सोशल मीडिया में चल रहा है. मैंने नेताओं को आईना दिखाया जनता को नहीं. नरेंद्र सिंह नेगी जी ने भी गुरुवार को ही इस तरह के आंदोलनों से अलग कर लिया था. अब मुझे देखना है कि 2027 के चुनाव में ये नेता चुनाव लड़ते भी हैं कि नहीं. वरना मेरी बात उस समय सत्य होगी और पता चल जाएगा कि ये किसके हाथों में खेल रहे हैं.