
उत्तराखंड के देहरादून के सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक राम सिंह मीना ने अपनी मौजूदगी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई) देहरादून की टीम द्वारा जिसमें अभियोजन अधिकारी, सी.बी.आई. अभिशेख आरोड़ा, व निरीक्षक, एस.एस.मयाल, प्रकाश देवरानी के साथ देहरादून में सतर्कता निदेशालय में कार्यशाला आयोजित की.
जिसमें सीबीआई टीम द्वारा अपने अनुभवों के साथ ट्रैप एवं आय से अधिक परिसम्पत्ति के मामलों का सफल संचालन व विवेचना में अभियोजन के दौरान बरती जानी वाली सावधानियों के बारे में सीबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया तथा सतर्कता विभाग द्वारा ऐसे मामलों में आने वाली कठिनाईयों के बारे में पूछने पर तथ्यों सहित उनके प्रश्नों का समाधान किया साथ ही उन्होंने इस संबंध में अपने अनुभवों का आदान-प्रदान किया गया.
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इसका मकसद भविष्य मे ट्रैप एवं आय से अधिक परिसम्पत्ति की जांच/अन्वेषण में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता लाते हुए न्यायालय में भी ऐसे मामलों में ठोस सबूतों एवं साक्ष्यों के आधार पर सफल पैरवी करते हुए अधिक से अधिक मामालों में आरोपित अधिकारी और कर्मचारियों को दंडित कराया जा सके.
सीबीआई की इस कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस, व अपर पुलिस अधीक्षक सतर्कता सेक्टर देहरादून/हल्द्वानी , के साथ ही अधिष्ठान में नियुक्त समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने हिस्सा लिया ताकि सही जानकारी मिल सके और उन्हें इन जानकारियों का फायदा विवेचना के दौरान मिल सके.
टोल फ्री नंबर के जरिए कर सकते हैं शिकायत दर्ज
गौरतलब है कि सतर्कता निदेशालय उत्तराखंड ने देहरादून में हेल्प लाईन नंबर का गठन किया है जिसमें से टोल फ्री नंबर- 18001806666 व What's App नंबर- 9456592300 जारी किया है, इस मामले में सीधे तौर पर जनता से अपील की गई है कि यदि राज्य सरकार का कोई लोक सेवक रिश्वत मांगता है तो सतर्कता अधिष्ठान को तुरंत इसकी सूचना दें साथ ही जनता को यह भी आश्वासन दिया गया है उनका नाम पता भी हर हाल में गोपनीय रखा जाएगा.
सतर्कता विभाग ने इसके अलावा भी 'फाइट अगेन्स्ट करप्शन उत्तराखण्ड' (Fight against corruption uttarakhand) के नाम से एक फेस बुक पेज एवं सतर्कता विभाग की वेबसाइट WWW.Vigilance.uk.gov.in भी स्थापित की गई है. जिससे जनता द्वारा अपनी शिकायत सतर्कता विभाग से की जा सके.
जरूरी है पुलिस कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना
अगर इन नियमों को जनता और साथ ही पुलिस के अधिकारी पूरी तरह से पालन करते रहें तो निश्चित रूप से इसका फायदा जनता को जरूर मिलेगा. मगर साथ ही पुलिस के आलाधिकारियों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि कुछ कर्मचारी ऐसे भी जरूर हैं जिनकी जवाबदेही तय करने की जरूरत है.
हालांकि, अभी तक डीजीपी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी को अपनी कड़क और ईमानदार छवि के लिए एक अलग रूप में पहचान मिली है. मगर ये उनके लिए भी जरूरी है कि उनके मातहत काम को सही रूप से अंजाम दें.