
उत्तराखंड में इस समय सियासी हलचल तेज है. बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यवेक्षकों और दूसरे बड़े नेताओं के साथ एक बैठक हुई. जिसके चलते कयास लगाए जाने लगे कि सरकार में फेरबदल हो सकता है. आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं उत्तराखंड का सियासी घटनाक्रम.
दरअसल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 5 मार्च को अपना बजट गैरसैंण में पेश किया. इस पर सदन में चर्चा होनी बाकी थी. लेकिन इस बीच 6 मार्च को अचानक सियासी गलियारों में सीएम बदलने की चर्चा तेज हो गई. इस चर्चा को तब और बल मिल गया जब अचानक बिना किसी तय कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमन सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेज दिया गया.
रमन सिंह और दुष्यंत कुमार के देहरादून पहुंचने के बाद बजट सत्र को बीच में ही स्थगित कर दिया गया. साथ ही सभी बीजेपी विधायकों को गैरसैंण से देहरादून लाने का सिलसिला शुरू हुआ. जब इनमें से कुछ विधायकों से आजतक ने बात की तो किसी ने कहा कि उनको व्यक्तिगत काम है. तो किसी ने कहा कि उनको सचिवालय में काम है. सभी सवाल टालते नजर आए.
ऐसे ही देहरादून के राजपुर से बीजेपी विधायक खजान दास ने आजतक को बताया कि वो सत्र के समाप्त होने पर आए हैं. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है, ऐसे में हमने सोचा कि चलो प्रभारी जी से मिल लेते हैं.
आजतक ने जब सीएम आवास का रुख किया तो वो सभी विधायक जो व्यक्तिगत कारणों के चलते देहरादून आएं हैं, कह रहे थे वो सभी सीएम आवास में चल रही कोर बैठक में पहुंचे हुए थे. इस दौरान करीब 45 विधायक मौजूद थे.
मीटिंग में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, माला राजलक्ष्मी शाह, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, प्रदेश बीजेपी संगठन महामंत्री अजय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल समेत कई बड़े नेता बैठक में मौजूद रहे.
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा बैठक में काफी देर में पहुंचे. जिसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने उनसे अलग से मुलाकात की. बैठक से बाहर आकर सभी मंत्री और पदाधिकारियों ने एक सुर में कहा कि बैठक 4 वर्ष पूर्ण होने पर किए गए अच्छे कार्यों को लेकर बुलाई गई थी. जिसमें त्रिवेंद्र सरकार के अच्छे कार्यों पर चर्चा हुई.
इस मुद्दे पर जब आजतक ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि ये बीजेपी का चाल चरित्र है. अपने खिलाफ माहौल बनते देख, ऐसा ही करते हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री जो कि खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत हैं, ने बजट सत्र को बीच में ही खत्म कर दिया. वो भी बिना चर्चा किए. ये कहीं न कहीं उत्तराखंड का अपमान है.
हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी उत्तराखंड में अस्थिरता की जननी है. कोई भी दल जो मजबूत है उसको चुनाव में जाने से पहले बीजेपी कमजोर करने की कोशिश करती रही है. बीजेपी उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना चाहती है.