
गुरुवार को नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा लिया. राष्ट्रपति शासन हटने से जहां कांग्रेस गदगद है तो वहीं केंद्र हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर चुका है. केंद्र सरकार इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.
आज तक से बातचीत में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, 'कोर्ट ने कुछ मुद्दे नजरअंदाज किए हैं. 18 तारीख की कार्यवाही दिखाती है कि वित्त बिल पारित नहीं हुआ था और सरकार गिर चुकी थी. ये डेमोक्रेसी के खिलाफ है. 9 बागी विधायकों से हमारा कोई मतलब नहीं है. हम राष्ट्रपति शासन के खिलाफ अपील करेंगे.'
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर नैनीताल हाई कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला किया. हाई कोर्ट ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने के स्पीकर के फैसले को भी सही करार दिया. हरीश रावत सरकार के अल्पमत में होने की दलील पर केंद्र सरकार ने राज्य में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूछा था कि क्या सरकार एक प्राइवेट पार्टी है? कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर आप कल राष्ट्रपति शासन हटा देते हैं और सरकार बनाने के लिए किसी और बुलाते हैं तो ये न्याय का मजाक होगा.
हरीश रावत ने पीएम मोदी पर कसा तंज
हरीश रावत ने कोर्ट के फैसले पर कहा, 'हम बहुमत साबित करने को तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से मोदी सरकार सीख ले. उत्तराखंड में दलबदल
करवाया गया. रावत ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, 'हभी कभी लड़ने की बात नहीं करते. वो बड़े लोग हैं. चौड़े सीने वाले लोग हैं. हम तो सहयोग की
बात करते हैं.'
29 अप्रैल को साबित करना होगा बहुमत
राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने के आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित कराने को भी कहा है. हरीश रावत अपने पक्ष में बहुमत का दावा करते हैं तो वहीं बीजेपी भी 35 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है. अदालत के इस फैसले के बाद अद 29 अप्रैल की तारीख काफी अहम हो गई है.
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कांग्रेस पार्टी ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है. हरीश रावत सरकार में मंत्री रहीं इंदिरा हृद्येश ने कहा कि अदालत का ये फैसला आगे के लिए मिसाल बनेगा
तेजी से बदल रहा है सियासी घटनाक्रम
इस बीच उत्तराखंड में राजनीतिक घटनाक्रम भी तेजी से बदल रहा है. हरीश रावत ने सभी कांग्रेसी विधायकों से देहरादून में मौजूद रहने को कहा है. इस बीच, ये भी खबर आई कि राज्यपाल के. के. पॉल शाम को 4 बजे किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले थे लेकिन अचानक उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया.
इससे पहले, मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बिष्ट ने कहा कि, 'कोर्ट को इस मामले में आदेश देना है और कोई अन्याय नहीं होना चाहिए. जैसा चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा तो फिर आप हर राज्य में करेंगे. राष्ट्रपति शासन लगाएंगे और फिर 15 दिन बाद उसे हटाकर किसी और को सरकार बनाने के लिए बुला लेंगे.'
जज ने कहा कि गुस्से से ज्यादा हमें दुख है कि आप इस तरह का व्यवहार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप कोर्ट के साथ कैसे खिलवाड़ कर सकते हैं?
राष्ट्रपति हैं, राजा नहीं
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि कोर्ट राष्ट्रपति के फैसले में दखलअंदाजी नहीं कर सकता. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति का आदेश राजा का फैसला नहीं है. राष्ट्रपति भी गलत हो सकते हैं और उनके फैसले की भी समीक्षा हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कहकर वो राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन हर चीज न्यायिक समीक्षा के तहत आती है.
कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का विरोध किया था.