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उत्तराखंड: नो परमिशन, धारा 144 लागू, महापंचायत पर अड़े हिंदू संगठन...लव जिहाद पर पुरोला बना अखाड़ा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को महापंचायत बुलाई गई थी. पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. जबकि हिंदू जागृति मंच और व्यापार मंडल महापंचायत करने पर अड़े हैं. हिंदू संगठनों ने पुरोला स्टेट हाईवे को ब्लॉक कर दिया है और जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

उत्तरकाशी के पुरोला में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन उत्तरकाशी के पुरोला में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
अंकित शर्मा
  • पुरोला,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

उत्तरकाशी. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लव जिहाद के खिलाफ हिंदू संगठन महापंचायत करने पर अड़े हैं. हिंदू संगठनों ने बड़कोट से पुरोला तक महापंचायत रैली निकालने का ऐलान किया है. उधर, पुलिस ने पुरोला में महापंचायत की इजाजत नहीं दी है. इतना ही नहीं पुरोला में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस ने पुरोला से पहले ही बैरिकेडिंग की है. प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ हिंदू संगठन जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस उन्हें जहां रोकेगी वे वहीं महापंचायत करेंगे. उधर, महापंचायत के खिलाफ याचिका पर आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई होगी. 

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दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को महापंचायत बुलाई गई थी. पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कुछ हिंदू संगठन महापंचायत से पीछे भी हट गए थे. हालांकि, हिंदू जागृति मंच और व्यापार मंडल महापंचायत करने पर अड़े हैं. हिंदू संगठनों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत करने जा रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी है. पुलिस और प्रशासन AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी के इशारे पर काम कर रही है. दरअसल, ओवैसी ने महापंचायत को लेकर ट्वीट किया था. 

पुरोला क्यों बना लव जिहाद का अखाड़ा? 

उत्तराखंड में लव जिहाद का मुद्दा छाया हुआ है. यहां पिछले 3 महीने में लव जिहाद के 46 केस सामने आए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लव जिहाद के मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कह चुके हैं. लेकिन पुरोला में विवाद 26 मई के बाद शुरू हुआ. यहां 26 मई को एक मुस्लिम समेत दो युवकों ने एक स्थानीय हिंदू दुकानदार की नाबालिग बेटी के अपहरण की कथित तौर पर कोशिश की थी. हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को बचा लिया. इसके बाद पुरोला समेत आसपास के इलाकों में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गए. पुरोला के अलावा बड़कोट, चिन्यालीसौड़ और भटवारी में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए.

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इसके बाद पुरोला में विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर भी लगाए गए. इन पोस्टरों में लिखा था, 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है, 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली कर दें, अगर ऐसा नहीं किया जाता तो वह वक्त पर निर्भर करेगा...' ये पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के तहत लगाए गए.

उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई आज 

महापंचायत के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई गई है. इस पर हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा. एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, कोर्ट ने महापंचायत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

19 जून तक लागू रहेगी धारा 144

स्थानीय व्यापार संगठनों ने उत्तरकाशी में गुरुवार को बंद का ऐलान किया है. महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है. इसके तहत 4 या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है. यह 19 जून तक लागू रहेगी. 

वहीं, बजरंग दल के अध्यक्ष अनुज वालिया ने कहा कि महापंचायत को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम हिंदुओं के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. वालिया ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी को हटाने की मांग करते हुए कहा कि महापंचायत शांति से आयोजित होनी थी, लेकिन प्रशासन जिहादियों की रक्षा कर रहा है. अनुज वालिया ने कहा कि प्रशासन ओवैसी के दबाव में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि धारा 144 हिंदू संगठनों को महापंचायत से नहीं रोक पाएगी. 

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पुरोला में मुस्लिमों ने दुकानें की बंद

समाचार एजेंसी के मुताबिक, पुरोला में हुए प्रदर्शन के बाद से करीब 40 मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं. उधर, मुस्लिमों के अधिकार की बात करने वाले मुस्लिम सेवा संगठन ने 18 जून को देहरादून में महापंचायत बुलाई है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और राज्य हज कमेटी जैसे मुस्लिम निकायों ने मुख्यमंत्री धामी से अपील की है कि वे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो राज्य में शांति को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं और उन मुसलमानों की रक्षा करें जो पीढ़ियों से पुरोला में रह रहे हैं. 

 

 

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