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उत्तराखंड: कुनबे को एकजुट करने में जुटी कांग्रेस, विधायकों को भेजा जिम कार्बेट

विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र ने सभी विधायकों को पत्र लिखकर 28 मार्च को सुबह 11 बजे सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान उपस्थित रहने के लिए कहा है.

उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत
स्‍वपनल सोनल
  • देहरादून,
  • 21 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

उत्तराखंड में सियासी तूफान के बीच 28 मार्च तक सदन में अपना बहुमत साबित करने से पहले कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने कुनबे को एकजुट रखने की है. खबर है कि इसी के मद्देनजर सत्ताधारी दल ने रविवार को हरीश रावत को समर्थन देने वाले अपने विधायकों को जिम कार्बेट पार्क भेज दिया है. जाहिर तौर पर पार्टी बहुमत साबित करने तक इस ओर कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है.

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बताया जाता है कि कांग्रेस विधायकों के साथ ही प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के कुछ विधायकों को भी पार्क भेजा गया है. जबकि विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र ने सभी विधायकों को पत्र लिखकर 28 मार्च को सुबह 11 बजे सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान उपस्थित रहने के लिए कहा है.

तीन हेलीकॉप्टर से किया गया रवाना
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने नाम न छापे जाने की शर्त माना कि अपने और पीडीएफ के सभी 26 विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें जिम कार्बेट ले जाया गया है. बताया जाता है कि दिन में सहस्रधारा हेलीपैड से सभी विधायक तीन हेलीकाप्टरों से रामनगर के लिए रवाना हुए. मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक रंजीत रावत भी विधायकों के साथ देखे गए.

'होली से पहले घूमने गए विधायक'
हालांकि, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने इसे अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश मानने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सभी विधायक होली से पहले वहां घूमने गए हैं. इस संबंध में उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमें ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है. हमारा कुनबा एकजुट है और एकजुट ही रहेगा.'

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बीजेपी ने 25 से पहले बहुमत साबित करने की मांग
इस बीच, मुख्य विपक्षी बीजेपी और अपनी सरकार के विरोध में बगावत पर उतरे कांग्रेस के सभी नौ बागी विधायकों ने राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल से अनुरोध किया है कि वे सरकार को 25 मार्च से पहले सदन में अपना बहुमत साबित करने को कहें. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका के मद्देनजर उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है.

गौरतलब है कि इन सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने विधानसभा पहुंचकर राज्य मंत्रिमंडल से निष्कासित किए गए कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के दफ्तर में ताला लगवा दिया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बागी हरक सिंह रावत को निष्कासित करने का फैसला लिया गया था.

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