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उत्तराखंड के टिहरी में चारधाम मार्ग पर बादल फटा, दो की मौत, एक घायल

उत्तराखंड के टिहरी जिले में चारधाम यात्रा के मुख्य मार्ग में पड़ने वाले घनसाली के जखनियाली और नौताड़ में बादल फट गया. इस प्राकृतिक आपदा से 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.

उत्तराखंड के टिहरी में बादल फटने से अफरातफरी मच गई उत्तराखंड के टिहरी में बादल फटने से अफरातफरी मच गई
अंकित शर्मा
  • टिहरी ,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:30 AM IST

उत्तराखंड के टिहरी जिले में चारधाम यात्रा के मुख्य मार्ग में पड़ने वाले घनसाली के जखनियाली और नौताड़ में बादल फट गया. इस प्राकृतिक आपदा से 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. बादल फटने से जखनियाली गांव के किसानों की कई एकड़ कृषि भूमि तबाह होने की खबर है. वहीं, जखनियाली गांव के तीन लोग मिसिंग बताए जा रहे हैं. 

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केदारनाथ पैदल मार्ग भीम बली में भी बादल फटने की खबर है. इससे भारी मात्रा में मलबा बहकर आने से पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. लिहाजा यहां पैदल मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई है. भीम बली में करीब 150-200 तीर्थ यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर रोक लिया है. 

मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है. ऐसे में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है. सभी जगहों पर प्रशासन की रेस्क्यू टीम तैनात है. 

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए रेड अलर्ट और गढ़वाल मंडल कमिश्नर द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत जो चारधाम यात्री संबंधित जनपद में पहुंच गए हैं, उनकी 1 अगस्त की यात्रा को लेकर निर्णय संबंधित ज़िले की ज़िलाधिकारी अपने स्तर से लेंगे. हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थित पंजीकरण केंद्र में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 अगस्त को स्थगित रहेगी.

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बता दें कि भारी बारिश के चलते पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हालात सबसे ज्यादा खराब होते जा रहे हैं. यहां नदी- नाले उफान पर हैं. जगह-जगह रास्ते मलबा आने के कारण बंद हो गए. 4 दिन पहले मौसम विभाग ने उत्तराखंड में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया था.
उत्तराखंड में कुमाऊं से लेकर पौड़ी गढ़वाल तक बारिश होने से नदियां उफान पर हैं. नैनीताल में भी पिछले दिनों भारी बारिश हुई थी. इसके चलते कैंची धाम के पास शिप्रा नदी उफान पर पहुंच गई थी. प्रशासन सैलानियों से लगातार अपील कर रहा है कि नदियों किनारे संभलकर जाएं.
 

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