
उत्तरकाशी एवलांच हादसे में हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के पर्वतारोहण प्रशिक्षु लापता हो गए थे. उनकी खोज के लिए गुरुवार को भी अभियान जारी रहा. जिसमें रेस्क्यू टीम ने 12 और शव निकाले. अबतक कुल 16 शवों को निकाला जा चुका है, जबकि 13 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. गुरुवार दोपहर बाद मौसम बिगड़ जाने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था. लेकिन अब 7 अक्टूबर को भी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. कारण, मौसम विभाग ने बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जिसके बाद अब 13 लापता लोगों के भी बचने की उम्मीद कम होती दिख रही है.
बता दें कि हिमस्खलन में लापता हुए प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के बचाव के लिए जम्मू-कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की रेस्क्यू टीम पहुंची है. इस टीम को द्रौपदी डांडा के बेस कैंप क्षेत्र में उतारा गया है. टीम को ऊंची,दुर्गम और बर्फीली चोटियों पर पेट्रोलिंग और हिमस्खलन रेस्क्यू करने का अनुभव है. टीम को ऊंचे से ऊंचे जंग के मैदान में जवानों तक सहायता पहुंचाना, 20,000 फीट ऊंचे पोस्ट पर रहना, बर्फीले तूफानों और हिमस्खलन के दौरान बचाव व अपने लिए अस्थायी शेल्टर बनाने जैसी महारत हासिल है. टीम के जवान माइनस 20 से माइनस 60 तक के तापमान और 20-35 फीट तक की बर्फ में आसानी से रह सकते हैं.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि जो शव बरामद हुए हैं, सभी को बेस कैंप में लाया जा रहा है. मौसम अनुकूल होने पर रिकवर किए गए शवों को शुक्रवार को हैलीकाप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया जाएगा. लापता ट्रैकर्स पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बताए जा रहे हैं.
मंगलवार की सुबह हुआ हादसा
गौरतलब है कि डोकराणी ग्लेशियर और द्रौपदी का डांडा में पर्वतारोहण का अभ्यास करने के लिए 23 सितंबर को बेसिक पर्वतारोहण कोर्स के लिए 97 प्रशिक्षु, एडवांस पर्वतारोहण कोर्स के लिए 44 प्रशिक्षुओं और निम के प्रशिक्षकों सहित 175 सदस्यीय दल बेस कैंप पहुंचा था. मंगलवार की सुबह हादसा हुआ. इनमें एडवांस पर्वतारोहण कोर्स के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोही, निम के सात प्रशिक्षक और एक नर्सिंग स्टाफ शामिल थे.
कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं
आईटीबीपी पीआरओ विवेक पाण्डेय के मुताबिक ऊंचाई पर बने एडवांस हेलीपैड से बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर रवाना किए गए हैं. शव बेस पर मौजूद हैं, उनमें से कुछ को मौसम ठीक होने पर मातली लाने की उम्मीद है. राहत और बचाव कार्य के आपरेशन में IAF, सेना और HAWS टीम के कर्मियों को बचाव कार्यों के लिए विभिन्न स्थानों पर विशेष उपकरणों के साथ शामिल किया गया है.
मौसम विभाग का अलर्ट
उधर, मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में गुरुवार से तीन दिन भारी वर्षा के आसार हैं. 6 और 8 अक्टूबर को भारी बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है. जबकि, सात अक्टूबर को कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है. जिसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.