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'हालत बहुत खराब है, जल्दी निकालो...', जानें अधिकारी से क्या बोले 160 घंटे से सुरंग में फंसे मजदूर?

नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा ने सुरंग में फंसे व्यक्ति से कहा कि घर वाले आवाज सुनना चाहते हैं, क्या कुछ कहना चाहते हो, तो अंदर से आवाज आई कि खाना-पानी तो मिल रहा है, लेकिन धीरे-धीरे हालत खराब होती जा रहा है. बहुत हालत खराब है, जल्दी बाहर निकालो.

सिलक्यारा सुरंग में पिछले 7 दिन से 41 लोग फंसे हुए हैं, अब उनके परिजनों की हिम्मत जवाब देने लगी है सिलक्यारा सुरंग में पिछले 7 दिन से 41 लोग फंसे हुए हैं, अब उनके परिजनों की हिम्मत जवाब देने लगी है
aajtak.in
  • उत्तरकाशी ,
  • 18 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:41 PM IST

उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 7 दिन से 41 लोग फंसे हुए हैं. इसमें यूपी के 3 जिलों के 8 मजदूर भी हैं. इनका हाल जानने यूपी सरकार के नोडल अधिकारी शनिवार को सुरंग के पास पहुंचे.  नोडल अधिकारी ने सुरंग में फंसे एक मजदूर से बात कर ये जानने की कोशिश की कि वह अंदर किन हालातों में रह रहे हैं.

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जब नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा ने सुरंग में फंसे व्यक्ति से कहा कि घर वाले आवाज सुनना चाहते हैं, क्या कुछ कहना चाहते हो, तो अंदर से आवाज आई कि खाना-पानी तो मिल रहा है, लेकिन धीरे-धीरे हालत खराब होती जा रहा है. बहुत हालत खराब है, जल्दी बाहर निकालो. 

वहीं सुरंग में फंसे मजदूरों के साथी मृत्युंजय कुमार ने कहा कि सोनू कुमार सुरंग के अंदर हैं, जब मेरी उनसे बात हुई तो वह रोने लगे. उनकी हिम्मत जवाब दे रही है. सोनू ने कहा कि मैं सूखे खाने पर कितने दिन तक जीवित रहूंगा. अब दम घुट रहा है, तुम लोग हमें बचा भी रहे हो या झूठ बोल रहे हो. लेकिन हमने उन्हें कहा है कि तीन जगह से बचाने की प्रक्रिया चल रही है. मजदूरों के एक साथी ने कहा कि जो लोग सांसों के लिए तड़प रहे हैं, उनके लिए सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंदर के हालात बहुत खराब हैं. 

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सुरंग में फंसे अपनों की सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं परिजन

अपने परिजनों की सुरक्षित निकासी का इंतजार कर रहे देश के विभिन्न हिस्सों से सिल्क्यारा आए लोगों ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने शनिवार को उनसे बात की तो उनकी आवाज कमजोर लग रही थी. फंसे हुए मजदूरों में से एक हरिद्वार शर्मा के छोटे भाई सुशील शर्मा ने आंसू भरी आंखों से बताया कि हमें अधिकारियों से केवल आश्वासन मिल रहा है कि फंसे हुए मजदूरों को बचा लिया जाएगा. उन्हें फंसे हुए लगभग एक सप्ताह हो गया है.

'हमारी हिम्मत भी जवाब दे रही'

कोटद्वार के महाराज सिंह नेगी, जिनके भाई गब्बर सिंह फंसे हुए मजदूरों में से हैं, उन्होंने कहा कि वह हर घंटे धैर्य और आशा खो रहे हैं. साथ ही कहा कि मैं अपने भाई से बात नहीं कर सका. उसकी आवाज़ मुश्किल से सुनाई दे रही थी. सुरंग में बचाव कार्य रुक गया है. फंसे हुए लोगों के पास भोजन और पानी की भी कमी है. हमारा धैर्य समाप्त हो गया है.

नोडल अधिकारी ने लोगों को तसल्ली दी

नोडल अधिकारी ने सुरंग में फंसे लोगों से कहा कि हिम्मत रखिए. पूरा देश आपके लिए दुआएं कर रहा है. आपको बाहर निकालने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. एक मजदूर ने अंदर से कहा कि हम लोगों को जल्दी निकालिए. 

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अब वर्टिकल तरीके से सुरंग में पहुंचेंगे

उत्तरकाशी डीएफओ डीपी बलूनी ने कहा कि हम हॉरिजेंटल तरीके से उन सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, अब हम वर्टिकल उन तक पहुंचेंगे. सुरंग के ठीक ऊपर एक जगह है, जिसकी  पहचान की गई है. वहां तक पहुंचने के लिए ड्रिल की जाएगी. इसकी गहराई लगभग 300-350 फीट होगी. 

पहाड़ों में 2 बोरिंग भी की जाएंगी

जानकारी के मुताबिक पहाड़ों में 2 बोरिंग की जाएंगी. एक सिलक्यारा छोर से और दूसरा सुरंग के अंत में बारकोट इलाके से. इस क्षेत्र की माप के बाद वन विभाग मशीनरी और उपकरणों के लिए रास्ता बनाने के लिए पेड़ों को काटेगा. वर्टिकल ड्रिलिंग की प्लान-बी को भी शुरू किया जा रहा है.

सीएम धामी बोले- सरकार श्रमिकों के परिवारों के साथ 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिल्क्यारा में सुरंग में बचाव कार्यों की जानकारी लेने के लिए देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक की. धामी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश-विदेश में बनी अत्याधुनिक मशीनें मजदूरों को बचाने में सफल होंगी. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. धामी ने कहा कि सरकार फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों के साथ खड़ी है. उनकी सुरक्षित और समय पर निकासी हमारी प्राथमिकता है.

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