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सुराख से ऑक्सीजन, पाइप से खाना... 24 घंटे से उत्तरकाशी की सुरंग में फंसी 40 जानों को बचाने की जंग जारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा में निर्माणाधीन टनल के धंसने से फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है. यहां पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक खाना भेजा गया है.

पाइपलाइन के जरिए फंसे हुए मजदूरों को ऑक्सीजन और खाना भेजा रहा है पाइपलाइन के जरिए फंसे हुए मजदूरों को ऑक्सीजन और खाना भेजा रहा है
अंकित शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा तड़के अचानक टूट गया जिससे उसमें काम कर रहे करीब 40 श्रमिक अंदर फंस गए.  टनल हादसे को 24 घंटों से ज्यादा हो चुका है 60 मीटर के मलबे को काट दिया है और 30-35 मीटर का मलबा रह गया.

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सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है.पुलिस अधीक्षक (उत्तरकाशी) अर्पण यदुवंशी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिसकर्मी बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं.

पाइप के जरिए भेजी जा रही है ऑक्सीजन

मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है.वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं. फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए रात में कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक चने के पैकेट भेजे गए हैं.

श्रमिकों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है

सबसे ज्यादा झारखंड के श्रमिक फंसे

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टनल में जिन राज्यों के मजदूर फंसे हैं उनमें बिहार के 4, उत्तराखंड के 2, बंगाल के 3, यूपी के 8, उड़ीसा के 5, झारखंड के 15, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक श्रमिक शामिल हैं.सिलक्यारा कंट्रोल रूम द्वारा बताया गया वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे लोगों से संपर्क हुआ हैं और सभी अंदर सकुशल हैं.  फंसे हुए लोगों द्वारा खाने की मांग की गई जिन्हें  पाइप के थ्रू खाना भिजवाया जा रहा है. पीड़ितों की दूरी लगभग 60 मीटर बताई गई है. यह जानकारी आधिकारिक है जो डिजास्टर मैनेजमेंट द्वारा जारी की गई है.

यह सुरंग चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है. जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि लगभग 160 बचावकर्मी ड्रिलिंग उपकरण और उत्खननकर्ताओं की मदद से फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. बचाव प्रयासों में सहायता के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन जैसे कुछ और उपकरण साइट पर पहुंच गए हैं.

सीएम हालात पर बनाए हुए हैं नजर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की जानकारी के लिए रुहेला से बात की और बचाव अभियान तेज करने को कहा.रुहेला ने संबंधित विभागों में कर्मचारियों की दिवाली की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.सीएम धामी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं मौके पर मौजूद अधिकारियों के संपर्क में हूं और लगातार स्थिति पर नजर रख रहा हूं. मैंने उनसे बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए कहा है. मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी को सुरक्षित बचा लिया जाए.'

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मार्च 2024 में पूरा होना है निर्माण कार्य

हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा. यह टनल ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसकी लंबाई 4.5 किमी है. चार किलोमीटर सुरंग का निर्माण हो चुका है. पहले इस टनल का कार्य सितंबर 2023 में पूरा होना था, लेकिन प्रोजेक्ट में देरी हो गई है. अब इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

जानकारी के मुताबिक इस साल मार्च  में भी इस निर्माणाधीन सुरंग में भूस्‍खलन की घटना हुई थी.  यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है.  

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