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उत्तराखंड के जंगलों में आग रोकने के लिए बनेगी फायर लाइन, CM भी इसमें लेंगे हिस्सा

उत्तराखंड के जंगल में आग लगने को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले पर लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई और इसके पूर्ण रोकथाम को लेकर बैठक की. इसमें सीएम ने जंगल में आग न लगे इसके लिए फायर लाइन बनाने और स्वयं इस काम में हिस्सा लेने की बात कही.

पुष्कर सिंह धामी पुष्कर सिंह धामी
अंकित शर्मा
  • देहरादून,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में जंगल की आग को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई और आगामी मानसून सीजन को लेकर तैयारियों की समीक्षा की. आग को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री ने फायर लाईन बनाने की काम में हिस्सा लेंगे.  उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए.मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आग पर पूर्णतः रोक के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाय. सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर आग से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और उसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं.

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वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जंगल की आग रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है. अन्य कुछ कार्मियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जंगल में आग पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लिया जाए. जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए. 

जंगल की आग को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए. पिरूल संग्रहण केन्द्र बनाए जाएं. इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए. पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढाई जाय.

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मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए
आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन का काम पूरा किया जाए. नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण किये जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए. वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए. यह भी आंकलन किया जाय कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है.

प्रो एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय. आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें. 

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पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय. जहां पेयजल की समस्या है वहां टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये. इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें.

चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाए. यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले. चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए. श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें.  जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय.
 

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