
उत्तराखंड राज्य सचिवालय में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. सरकार की ओर से सचिवालय अनुभागों में पत्रकारों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को कांग्रेस ने आपातकाल करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात कहने वाली सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. जनविरोधी फैसले लिए जा रहे हैं. ये फैसले मीडिया तक न पहुंचे, इसके लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है. गोपनीयता की आर में सरकार जनविरोधी व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले फैसलों को छुपाना चाहती है.
नए आदेश के तहत पत्रकारों के सरकारी दफ्तरों में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. जरूरी होने पर मीडिया सेंटर में आकर विभागीय सचिव सूचना महानिदेशक की उपस्थिति में पत्रकारों को जानकारी देंगे. राज्य सरकार ने ‘गोपनीय सूचनाओं’ के लीक होने की दलील देते हुए यह फैसला लिया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से 27 दिसंबर को को इस बाबत आदेश जारी किया था. ऐसे में अब पत्रकार सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों से सीधे नहीं मिल सकेंगे.
गुरुवार को आनन-फानन में सचिवालय में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेस में मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने मीडिया पर किसी तरह का कोई सेंसर नहीं लगाया गया है. बल्कि सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए एक प्रयास किया है. मुख्य सचिव के अनुसार वर्तमान में अपुष्ट सूचनाएं खबरों की शक्ल ले रही हैं. इससे खबरों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं. कैबिनेट की गोपनीयता बनाए रखने को लेकर ही ये आदेश किए गए हैं. मीडिया तक सटीक व सही सूचना पहुंचे, इसके लिए हर शाम चार बजे सूचना महानिदेशक समेत विभागीय सचिव अपने अपने विभागों की जानकारी साझा करेंगे.