
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ग्लेशियर के टूटने की भयावह घटना हुई है. इसके बाद आसपास के पूरे इलाके में भय और डर व्याप्त है कि ग्लेशियर के भरभराकर टूटने से कितना नुकसान पहुंच सकता है. या फिर क्या ये आपदा साल 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बराबर ही नुकसान पहुँचाने जा रही है? इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में जो कि इस घटना के सीधे-सीधे प्रभाव में हैं, वहां साल 2013 से भी बड़ी घटना है ये. शेखावत ने आजतक से बातचीत करते हए कहा कि 'चमोली के रेणी गांव में पॉवर कॉपरेशन का जो प्रोग्राम चल रहा है, वहां एक ग्लेशियर के भरभराकर गिर जाने से अवलांच की स्थिति हुई है. इस कारण नदी में अचानक से जल स्तर बढ़ा है और उसका प्रभाव साइट्स पर काम करने वाले लोगों पर पड़ने की पूरी आशंका है. भारत सरकार हर स्तर पर मदद के लिए खड़ी है.'
शेखावत ने आगे कहा 'जल्दी ही घटनास्थल पर मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचने वाले हैं. सेन्ट्रल वाटर कमीशन से सूचना मांगी जा रही है, हमारे मिशन को, हमारे सोल्जर्स को इस काम के लिए तुरंत ही घटनास्थल पर भेजा जा रहा है.'
शेखावत ने घटना की भयावहता पर टिप्पणी करते हुए कहा 'सेन्ट्रल वाटर कमीशन की सूचना के अनुसार ऋषि मठ का ये हिस्टोरिकल फ्लड रहेगा. 2013 में जो प्रभाव हुआ निश्चित रूप से उससे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. शाम के 5 बजे तक हरिद्वार में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. लेकिन शाम तक आते-आते इसका प्रभाव उतना नहीं होगा. कम हो जाएगा. फिर भी केंद्र सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है. हर संभव मदद की जाएगी.'